लखनऊ। महाराष्ट्र में पिछले बीस दिन से चल रहे राजनीतिक उठापटक के बाद भारतीय जनता पार्टी के देवेन्द्र फडनवीस को भले ही तीन दिन में इस्तीफा देना पड़ा हो लेकिन सब से कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड अभी भी उत्तर प्रदेश के जगदंबिका पाल का है।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था और लोकतांत्रिक कांग्रेस के जगदंबिका पाल को 21 फरवरी 1998 में शपथ दिला दी थी लेकिन वो 44 घंटे ही मुख्यमंत्री रह पाये। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जगदंबिका पाल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की पूरी प्रक्रिया को ही खारिज कर दिया। उस वक्त उत्तर प्रदेश विधानसभा हिंसा का भी गवाह बनी जब विधायकों ने एक दूसरे पर सदन में ही बेंच पर लगे माईक को उखाड़ कर एक दूसरे पर हमला कर दिया। इसमें कई विधायकों को चोट आई और अपनी दीर्घा में बैठे कुछ पत्रकार भी जख्मी हुये।
विधानसभा में 24 फरवरी को शक्ति परीक्षण हुआ जिसमें विधानसभा अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी ने अपनी एक ओर जगदंबिका पाल को और दूसरी ओर कल्याण सिंह को बिठाया । विधायकों का समर्थन कल्याण सिंह के साथ था लिहाजा वो विजयी हुए।
जगदंबिका पाल को हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। जगदंबिका पाल ने लखनऊ के पंचम तल पर मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने से इंकार कर दिया तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। पंचम तल की बिजली काट दी गई। अंधेरा हो जाने पर ही जगदंबिका पाल कुर्सी से हटे। दिलचस्प है कि पाल अब भारतीय जनता पार्टी में हैं और 2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में डुमरियागंज से लोकसभा के सांसद चुने गये हैं।