केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने विवि में किया शोध छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन
जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि शोधार्थी कॉपी-पेस्ट वाले शोध बचें। यदि वे बार-बार गलती करने की क्षमता रखकर धैर्य के साथ काम करें और सफलता तक पहुंचें तो हमारे रिसर्च दुनिया भर में पहचाने जाएंगे। थॉमस एडिसन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एडिसन 3000 बार असफल रहे, लेकिन वो अपने शोध पर अटल रहे और बल्ब का अविष्कार किया। उन्होंने पूरी दुनिया बदल दी।
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के शोध छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह में शेखावत ने कहा कि शोध को लेकर बीच में काफी विसंगतियां आ गईं। गूगल से कॉपी-पेस्ट ने यह काम और आसान कर दिया। हमें उससे ऊपर उठने की आवश्यकता है। शेखावत ने कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति में भी संकट है। ये आज दो तरह से काम कर रही है। एक है पावर टू कैल्क्यलैट (कितनी जल्दी गणना कर सकते हैं) और दूसरी पावर टू रिसाइट (जितना जल्दी याद कर सकते हैं), जो व्यक्ति ये दो काम कर सकता है, वही हिंदुस्तान में सबसे ज्ञानी है।
पांच साल में साफ होगी जोजरी
शेखावत ने कहा कि हमने देश के सभी आईआईटी में पानी पर काम करने वाले प्रोफेसर्स की कमेटी बनाई है। कमेटी का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर आर्य को मैंने जोधपुर भेजा था, ताकि जोजरी नदी के प्रदूषण को अगले पांच साल में खत्म करने की दिशा में काम हो सके। उन्होंने कहा कि जोजरी प्रदूषण मुक्त होगी तो भूजल ठीक होगा और किसानों का भला हो सकेगा। यदि विश्वविद्यालय इस मिशन के साथ जुड़े तो मैं अपने मंत्रालय की ओर से हर सहयोग दिलाने को तैयार हूं।
पानी का हर रूप उपयोगी
शेखावत ने कहा कि मुझे पता चला कि सवाई सिंह इंडस्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को लेकर शोध कर रहे हैं। मैं यही कहना चाहता हूं कि पानी आज पूरे देश, दुनिया और मानवता के लिए सबसे प्रमुख विषय है। पानी किसी भी स्थान से निकलता है, वो बेकार नहीं हो सकता है। हमें हर हाल में पानी की रिसाइकिलिंग करनी होगी।
पानी कॉफी टेबल बुक का विषय बना
उन्होंने कहा कि आजकल पानी और पर्यावरण पर बात करना कॉफी टेबल का विषय हो गया है। हर आदमी आज इस विषय पर बात करता है। पानी, प्रकृति और पर्यावरण की आज की स्थिति के लिए जिम्मेदार हम ही हैं। उन्होंने कहा कि जिस विज्ञान और वैज्ञानिकों के भरोसे हमने प्रकृति और पर्यावरण को साधने की कोशिश की, वही आज इस को सहमे हुए हैं, जबकि जो लोग अध्यात्म और दर्शन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उनके मन में विश्वास है कि यदि हम ठीक से काम करें तो निश्चित रूप से हम पर्यावरण के इस चक्र को उल्ट सकते हैं, क्योंकि प्रकृति और पर्यावरण स्वतः स्वयं को दुरुस्त कर सकते हैं।
इतिहास में युवाओं का नाम हो
शेखावत ने कहा कि 28 साल पहले मैं छात्रसंघ का अध्यक्ष था। तब से छात्रों की 6-7 पीढ़ियां बदल चुकी हैं। विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय से मेरी कई मिट्ठी और कुछ कड़वी यादें जुड़ी हैं। मुझे आज पहले छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन का अवसर मिला है। जलशक्ति मंत्री के रूप में भी बोर्ड पर पहला मेरा नाम लिखा है। मैं चाहता हूं कि 50 साल बाद जब इतिहास लिखा जाए तो यहां बैठे युवाओं का नाम उसमें हो। यह लिखा जाए कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी देश निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई थी।
राजस्थान में काम धीमा
मीडिया से बातचीत करते हुए शेखावत ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में हर घर नल से जल पहुंचाने के मिशन को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को प्लानिंग करने के निर्देश दिए हैं। राज्यों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में धन आवंटित किया है। राजस्थान सरकार को पहली किस्त के रूप में 429 करोड़ रुपए, उतना ही दूसरी किस्त में मिलेगा। जो राज्य ज्यादा काम करेगा, उसे इनसेंटिव राशि मिलेगी। लेकिन, दुर्भाग्य से राजस्थान को जिस गति से काम करना चाहिए, उस गति से काम नहीं हो रहा है। मैं खुद व्यक्तिगत रूप से जयपुर में राज्य के मंत्री, अफसरों को कार्य की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है।