पुष्कर। विश्व विख्यात तीर्थ नगरी पुष्कर में 70 साल बाद आयोजित हुए दीक्षा समारोह शुक्रवार को मुमुक्षु लता बहन ने दीक्षा ली। इसके साथ ही तीन दिवसीय दीक्षा समारोह का समापन हुआ।
दीक्षा समारोह में जैन समुदाय का भारी जनसैलाब उमडा। आखातीज से जैन धर्म का धार्मिक आयोजन वर्षित पाराणां के साथ शुरू हुआ था तथा प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक रस्मों का आयोजन किया गया।
शुक्रवार सुबह को दीक्षा समारोह से पूर्व कस्बे में गाजे-बाजे के साथ बहन लता की रथ पर भव्य बिंदोरी निकाली गई। बडी संख्या में जैन धर्म के लोग बिंदोरी और दीक्षा समारोह में शामिल हुए। बिंदोरी विभिन्न मार्गो से होती हुई सज्जन निवास पहुंची, जहां जैन साध्वी इंदु प्रभा के सान्निध्य में दीक्षा की रस्म हुई।
इस मौके पर सज्जन निवास का पूरा पांडाल खचाखच भरा नजर आया। समारोह में जैन संत शिरोमणी सुकनमुनि, उपप्रवर्तक विनयमुनि वागीश, गौतममुनि, युवा प्रणेता महेश मुनि, तपस्वी मुकेश मुनि, हरीश मुनि, रितेश मुनि, रविन्द्र मुनि, हितेश मुनि समेत 50 साधु-साध्वीयों, परिजनों, धर्म के माता पिता प्रसन्नचन्द्र-ललिता भ्राता अरूण-अभिषेक, अखिल भारत वर्षीय मरूधर केसरी पारमार्थिक समिति के प्रकाशमल लोढ़ा, संजय मूथा, महावीर सोजतिया, राजेन्द्र सकलेचा, हस्तीमल खटोड़ आदि पदाधिकारियों और चतुर्विध संघ के हजारों श्रावक श्राविकाओं ने शिरकत की।