नयी दिल्ली । जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को तड़के यहां निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। जैन मुनि लंबे समय से पीलिया सी पीड़ित थे और उन्होंने करीब 03.00 बजे पूर्वी दिल्ली में कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर में अंतिम सांसे ली।
छब्बीस जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले में जन्मे जैन मुनि तरुण सागर के जैन समुदाय में काफी अनुयायी थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने जैन मुनि के निधन पर गहन शोक जताया है।
कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा, “ जैन मुनि तरुण सागर के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। अपने ‘कड़वे प्रवचन’ के लिए जाने जाने वाले जैन मुनि ने समाज को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। उनके अनुयायियों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं।”
मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा, “ मुनि तरुणसागर जी महाराज के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ। हम उनके उच्च आदर्शों , करुणा और समाज में योगदान को लेकर उन्हें सदैव याद रखेंगे। जैन समुदाय और उनके अनुयायियों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं। ”
सिंह ने कहा, “ मैं तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि के बारे में सुनकर सदमे में हूं। वह एक प्रेरणास्त्रोत एवं करुणा के महासागर थे। उनका निर्वाण देश के संत समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं मुनि महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शोक संदेश में कहा, “ मुनि तरुण सागर जी महाराज के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उनकी सीख और आदर्श मानवता के लिए हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे।”
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “ जैन मुनि तरुण सागर महाराज की खबर दुखदायी है। उनके सिद्धांत और संदेश हमारे समाज को सही राह दिखाते रहेंगे। मैं उनके अनुयायियों को संबल देने की ईश्वर से कामना करता हूं।”