पाली। लोकमान्य जैन संत रूपमुनि का रविवार को पाली जिले के जैतारण में अंतिम संस्कार कर दिया गया। संत रुपमुनि की अंतिम यात्रा जैतारण में जैन स्थानक से रवाना हुई जिसमेें भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा शाम करीब चार बजे पावन धाम पहुंची जहां संत सुकनमुनि एवं अमृतमुनि के सान्निध्य में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
अंतिम यात्रा से पहले केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं पीपी चौधरी, राज्य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया और जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल के अलावा अन्य कई हस्तियों ने जैन मुनि के अंतिम दर्शन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजिल अर्पित की।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से गोयल ने संत रुपमुनि के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए अौर सीएम राजे द्वारा भेजा गया संवेदना पत्र पढ़कर सुनाया।
संत रूपमुनि को मुखाग्नि के लिए जैतारण के मुख्य बाजार स्थित स्थानक में भक्तों ने करोड़ों रुपए की बोलियां भी लगाई। पार्थिव शरीर को कंधा देने के लिए भी लाखों रुपए की बोलियां लगीं। बोलियों से प्राप्त राशि जनहित कार्य एवं जीव दया के लिए खर्च की जाएगी।
जैनमुनि के देवलोकगमन पर उनके प्रति शोक जताने के लिए जैतारण, निमाज एवं आनंदपुर के बाजार बंद रहे। संत रूपमुनि का गत 17 जून की देर रात अहमदाबाद के एक अस्पताल में देवलोकगमन हो गया। वह पिछले कई दिनों से बीमार थे।
वसुंधरा राजे ने रूपमुनि के महाप्रयाण पर जताया दु:ख
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने लोकप्रिय जैन संत रूपमुनि महाराज के महाप्रयाण पर दु:ख जताया है। राजे ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि रूपमुनि महाराज ने भगवान महावीर के सत्य और अहिंसा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कई अस्पतालों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया।
सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभाने के कारण उन्हें न केवल जैन समाज बल्कि सम्पूर्ण समाज में अपार श्रद्धाभाव के साथ देखा जाता है। गो सेवा के प्रति उनकी निष्ठा दूसरों के लिए अनुकरणीय है। उनके महाप्रयाण से समाज ने एक ओजस्वी संत खो दिया है। उन्होंने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त श्रद्धालुओं को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।