अजमेर। दिगम्बर जैनाचार्य विद्यानन्द महाराज के आज सुबह नई दिल्ली में देवलोक गमन हो जाने से अजमेर सहित सम्पूर्ण राजस्थान में जैन समाज शोकमग्न है। वे 95 वर्ष के थे।
जैन समाज के सिरमौर विद्यानन्द महाराज का नई दिल्ली स्थित कुन्दकुन्द भारती में तीन तक चले संलेखना के बाद रविवार तड़के निधन हो गया। वे कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने आहार एवं जल का भी त्याग कर रखा था। इस दौरान हजारों श्रदालुओं ने उनके दर्शन किए।
22 अप्रेल 1925 को कर्नाटक के शेडवाल गांव में जन्मे जैनाचार्य का मराठी एवं कन्नड भी भाषा की विशेष पकड़ रही। आगे चलकर प्राकृत भाषा के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया। विद्यानंद महाराज की देखरेख में भगवान महावीर का 2500वां निर्वाण महोत्सव तथा 1980 में भगवान बाहुबली का गोमटेश्वर में सशताब्दी वर्ष आयोजन में उनका योगदान उल्लेखनीय है। आचार्यश्री के देवलोक गमन पर अखिल भारतीय जैन पत्र सम्पादक संघ ने भी अपनी विनियांजलि अर्पित की है।