जयपुर। राजस्थान में जयपुर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार आदतन दुष्कर्मी जीवाणु न केवल बच्चों और बच्चियों से दुष्कर्म करने का आदी है बल्कि वह करीब 40 पुरुषों और किन्नरों से भी दुष्कर्म कर चुका है।
पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि जीवाणु की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जीवाणु एक प्रकार का आदतन यौन दरिन्दा है। वह विकृत यौनरोगी है। इसकी यौनलिप्सा इसे लगातार कोई न कोई नया शिकार ढूंढ़ने के लिए दुष्प्रेरित करती थी।
अवसर मिलने पर यह किसी भी पुरूष, किन्नर, नाबालिग बालक, महिला अथवा किसी नाबालिग बालिका के साथ प्राकृतिक या अप्राकृतिक अथवा दोनों यौन क्रिया जबरन करता था। जीवाणु ने पूछताछ के दौरान अब तक दर्ज मामलों के अलावा करीब 25 नाबालिग बालकों के साथ अप्राकृतिक बलात्कार एवं करीब 40 पुरूषों एवं किन्नरों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया है।
उन्होंने बताया कि आमतौर पर इसका महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों के प्रति ज्यादा आकर्षण रहा है और न्यायिक अभिरक्षा के दौरान भी वहां आने वाले अपेक्षाकृत कम उम्र के युवकों को यह अपना शिकार बनाता रहा है। नाबालिग लड़कों एवं लड़कियों के साथ बलात्कार करने के दौरान जीवाणु का आचरण अत्यंत हिंसक हुआ करता है और आम तौर पर यह उनके साथ मारपीट भी करता है।
श्रीवास्तव ने बताया कि जीवाणु शातिर चोर भी है। उसे अलग थानों क्षेत्रों में भिन्न नामों से जाना जाता रहा है जो इसका पुलिस से बचने का एक तरीका रहा है। इसे मुरलीपुरा में काले खां, भट्टा बस्ती में सिंकदर, नाई की थड़ी में जाहिद और पुलिस विभाग में जीवाणु के नाम से जाना जाता है। सिंकदर के साथ रफीक नाम का शातिर चोर इसी क्षेत्र में चोरी किया करता था।
दोनों के बीच कौन एक रात में अधिक वारदात करता है, इस बात की प्रतिस्पर्द्धा होती रहती थी जिसमें अक्सर आदतन दुष्कर्मी सिकंदर उर्फ जाहिद जीत जाया करता था। इसी वजह से सिंकदर का नाम जीवाणु और रफीक का नाम कीटाणु पड़ गया था। जीवाणु ने यह भी बताया कि उसने एक रात में अधिकतम 13 घरों के ताले तोड़े हैं।
उन्होंने बताया कि सिकंदर उर्फ जीवाणु के जीवन यापन का प्रमुख साधन नकबजनी और चोरी की वारदातें थीं। चोरी और नकबजनी में इसके प्रमुख साथी शानू और ईशाक प्रमुख साथी थे। इसके अलावा सिकंदर झालावाड़ से मादक पदार्थो की तस्करी करके जयपुर के परकोटा क्षेत्र में आपूर्ति भी किया करता था और इसके माध्यम से भी धनोपार्जन करता था।
श्रीवास्तव ने बताया कि जीवाणु एक तारीख की वारदात के बाद रात में दो तारीख को नाई की थड़ी एवं उसके आसपास ही छिपता रहा और जब समाचार पत्रों में सीसीटीवी फुटेज में उसे अपने कपड़े वाली फोटो दिखी तो वह मोबाइल बंद करके सांगानेर भाग गया और वहां मजदूरों के साथ फुटपाथ पर सो गया।
उन्होंने बताया कि दोनों वारदातों में आरोपी ने जिस मोटरसाईकिल का इस्तेमाल किया वह चोरी की थी। उसने मोटरसाईकिल की नंबर प्लेट पर पानी डालकर मिट्टी लगा दी थी, जिससे नम्बर प्लेट की पहचान नहीं हो पाए।
चार तारीख को सुबह उसने अपने मित्रों से धन के लिए फोन किया तो पुलिस के डर से वापस नाई की थड़ी आने की बजाय वह टोंक की ओर चला गया। फोन इसने किसी राह चलते हुए व्यक्ति से मांगकर किया था और फोन करने के बाद उसे वापिस लौटा दिया।
श्रीवास्तव ने बताया कि चार तारीख की शाम को टोंक पहुंचकर वह एक खंडहरनुमा ढाबे पर सो गया और पांच तारीख को वहां से कोटा के लिए निकला और अपने नकबजनी गिरोह के साथी शानू और ईशाक को भी फोन करके वहां पहुचंने के लिए कहा।
कोटा जाने के रास्ते में उसने देवली टोंक स्थित एक शराब के ठेके पर सोहनलाल गुर्जर ग्राम गावड़ी की दुकान पर वह करीब 12 बजे शराब लेने गया और वहां प्रबंधक सोहनलाल से शराब की ब्रांड को लेकर गाली गलौच होने पर उसने सोहनलाल को गोली मार दी और उसके गल्ले में रखे 20 हजार रुपए एवं कान की सोने की मुर्किया लूटकर फरार हो गया। उक्त वारदात में विषय में जीवाणु से पूछताछ की जा रही है।
श्रीवास्तव ने बताया कि जीवाणु ने कुछ दिन पहले एक पिस्तौल और कुछ गोलियां अवैध रूप से हासिल की थीं। जिसका उद्देश्य यौन हिंसा में लोगों को डराने और समपर्ण न करने पर उन्हें मार देने के लिए उपयोग करने के आशय से अपने पास रखा था। जीवाणु ने गुजरात के सद्दाम नाम के व्यक्ति को जयपुर में कुछ दिनों पहले सुनसान जगह पर गोली मारना स्वीकार किया है।
जीवाणु उर्फ सिंकदर उर्फ जाहिद को 377, 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उसने फरवरी 2014 को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिस पर उसे चार फरवरी 2015 को बरी कर दिया गया था।