जयपुर | राजस्थान की राजधानी जयपुर में शीघ्र ही छह सौ नई बसें संचालित की जायेगी । स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कालीचरण सराफ के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर में शीघ्र ही ये नई बसें चलाई जायेगी, जिनमें तीन सौ डीजल और इतनी ही इलेक्ट्रिक बसें होंगी। ये वातानुकूलित एवं गैर वातानुकूलित दोनों प्रकार की बसें होगी। इनके आने के बाद शहरवासियों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पिछली दस मई को बोर्ड की बैठक में इन बसों के खरीदने की योजना बनाई गई थी। इन बसों का संचालन ग्रोस क्रॉस पीपीपी हाइमॉडल पर किया जाएगा। इससे राज्य सरकार पर करीब सौ करोड़ रुपए का आर्थिक भार आएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने हैवी इंडस्ट्री विभाग, केन्द्र सरकार को लिखा है। इसके अलावा एनटीपीसी के द्वारा इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव भी मिला है। उनका परीक्षण किया जा रहा है। यदि यह सही और राज्य हित में पाया गया तो इन पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में लो फ्लोर बसों का संचालन वर्ष 2010-2011 से शुरू हुआ था। तब 280 बसें खरीदी गई थी। वर्ष 2012 में 30 नॉन एसी मिनी बसें खरीदी गईं और 2013 में 108 बसें खरीदी गईं थीं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने 103 बसें जो नकारा हो गई थीं, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
धारीवाल ने बताया कि जेसीटीएसएल द्वारा 508 वाहनों का क्रय किया गया। वर्तमान में जेसीटीएसएल द्वारा 250 लो-फ्लोर बसें तथा 43 अन्य बसें संचालित है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जेसीटीएसएल की 293 बसें चालू हालत में है तथा 112 नकारा किए जाने के लिए प्रक्रियाधीन है जो संचालित नहीं हैं।
धारीवाल ने गत तीन वर्षों में इन बसों से हुई दुर्घटनाओं के बारे में बताया कि वर्ष 2016 में 26 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें सात लोग की मौत हुई तथा 23 लोग घायल हो गये। इसी तरह 2017 में 40 दुर्घटना सामने आई नौ की मौत तथा पैतीस लोग घायल हुए जबकि 2018 में 37 दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत और ग्यारह लोग घायल हुए।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के संबंध में केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ जिसमें विशाल बाबू जोस को दो लाख रुपए दिए गए और घायल को दस हजार रुपए दिए गए। इसके अलावा कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ।