जयपुर। इस समय कोई दुनिया में कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। इसकी चपेट में आने वाले मरीज ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी डरे हुए हैं ऐसे में राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टर के साहस और हौसले की प्रशंसा करनी होगी। यहां डॉक्टरों की एक पूरी टीम ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए समय रहते ही अपनी पूरी रणनीति बना ली थी। यहां हम आपको बता दें कि उत्तर भारत में कोरोना वायरस संक्रमित का पहला मरीज राजस्थान में ही मिला था।
राजस्थान में अब तक कोरोना वायरस के सात पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसमें तीन अब तक निगेटिव हो चुके हैं,राजस्थान के डॉक्टर पूरी क्षमता के साथ इन मरीजों का इलाज कर रहे हैं और इसे रोकने के लिए भी कारगर कदम भी उठाए हैं। एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों की केंद्र सरकार ही नहीं दुनिया के कई देश सराहना कर रहे हैं। इस समय भारत में 170 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना वायरस संक्रमित के 3 मरीजों को डॉक्टरों ने किया ठीक
टीम के एक अन्य डॉक्टर प्रकाश केसवानी हैं जिनके अंतर्गत कोरोना वायरस के पहले 3 मरीज आए थे और तीनों अब ठीक हो गए हैं। डॉ प्रकाश केसवानी ने बताया कि जब पहला केस अस्पताल में आया तो हमने इस रोग से मिलते-जुलते लोगों के लक्षणों का इतिहास खंगालना शुरू किया और तब हमें लगा कि इससे लड़ने की क्षमता एचआईवी ड्रग्स में भी होती है और उसे देने का हमने फैसला किया। इसके अलावा क्लोरीन का भी हमने इस्तेमाल किया जिसका रिजल्ट काफी अच्छा आया और तीनों मरीज ठीक हो गए।
दूसरे डॉक्टर हैं एस बनर्जी, जिनकी यूनिट में अस्पताल में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज अभी भर्ती है, बनर्जी ने कहा कि हमने मेडिसिन को लेकर एक अच्छी लिस्ट बनाई है और उसी पर काम कर रहे हैं। हमें लगता है कि वह मरीज भी जल्दी ठीक हो जाएगा। मेडिसिन के डॉक्टर रमन शर्मा का कहना है कि जब यह मरीज अस्पताल में आए तो हमने क्लोरीन को लेकर एक प्रयोग करने के बारे में फैसला किया और यह इतना अच्छा रिजल्ट देने लगा है कि अब चीन में भी इस पर काम किया जा रहा है।
कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल में इस प्रकार की डॉक्टरों ने तैयारी
आपको बता दें कि भारत में जब कोरोना संक्रमित के शुरुआती लक्षण दिखाई पड़े थे तभी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों ने इससे निपटने के लिए पूरी प्लानिंग तैयार कर ली थी। सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों ने इससे निपटने के लिए एक वॉर रूम बना रखा है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि दूसरे राज्यों से हमें यह क्वेरी मिल रही है कि आप उस दवा के बारे में हमें बताएं जिसे आपने प्रयोग किया है और हम दूसरे राज्यों के अलावा दूसरे देशों के साथ भी प्रयोग की गई दवा की जानकारी को साझा कर रहे हैं।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि हमने एक टीम बनाकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्ट्रेटजी बनाई थी जो काफी कारगर रही। हमारी पहली प्राथमिकता थी कि किसी तरह से इसको फैलने से रोका जाए, इसमें हम अब तक सफल हुए हैं। मेडिसिन को लेकर हमने अलग रास्ते पर काम किया और उसमें भी हमें सफलता मिली है।
डॉक्टरों का दावा, कोरोना से लड़ने के लिए एनेस्थीसिया का बड़ा योगदान
इस रोग से लड़ने में एनेस्थीसिया का बड़ा योगदान होता है क्योंकि ये बीमारी रेस्पिरेट्री सिस्टम से जुड़ी हुई है। एनेस्थीसिया इंचार्ज हैं डॉक्टर सुशील भाटी जो कहते हैं कि हमने डॉक्टरों के अनुसार ऑक्सीजन की प्रॉपर सप्लाई का पूरा ध्यान रखा और मरीज की पूरी मॉनिटरिंग की।
इस पूरी कोरोना वायरस यूनिट को हेड कर रहे हैं डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ अजीत सिंह।इनका कहना है कि डॉक्टर होने के नाते हमें भी डर लगता है लेकिन हमने एक रणनीति के तहत दवाओं के प्रयोग के साथ-साथ इम्यूनिटी सिस्टम को इंप्रूव करने पर काम किया और हमें सफलता मिल रही है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार