जयपुर। राजस्थान में जयपुर के शुक्रवार को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए श्रम विभाग में पदस्थापित श्रम आयुक्त प्रतीक झाझडि़या पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) नजर थी।
ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने शनिवार को बताया कि ब्यूरो को सूचना मिल गई थी कि श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया केंद्र एवं राज्य सरकार की द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए कोष आवंटित किए जाने एवं विभागीय कार्रवाईयों का भय दिखाकर राजस्थान के जिलों में पदस्थापित जिला श्रम अधिकारियों एवं श्रम निरीक्षकों से आर्थिक सलाहकार परिषद, राजस्थान के विशेषाधिकारी रवि मीणा एवं एक अन्य अमित शर्मा के जरिए वसूली कर रहे थे।
इस पर ब्यूरो के दल ने उन पर नजर रखना शुरु कर दी और शनिवार को जयपुर के गांधी नगर में झाझड़िया को उनके निवास से रिश्वत लेते ब्यूरो के दल ने दबोच लिया। बाद में अमित शर्मा और रमेश मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि झाझड़िया भारतीय डाक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी हैं। वह दिसम्बर 2019 में राजस्थान में प्रतिनियुक्ति पर आए। राजस्थान में उनकी प्रथम नियुक्त फरवरी 2020 में राजस्थान एवं प्रबंध निदेशक, राजस्थान स्किल डेवेलपमेंट कॉरपोरशन में श्रम आयुक्त के रूप मे हुई थी।
जुलाई 2020 से झाझड़िया से श्रम प्रबंधक निदेशक का प्रभार ले लिया गया। रवि मीणा इससे पहले इसी विभाग में उप महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। वहीं से इन दोनों अधिकारियों की नजदीकियां बढ़ीं थी। रवि मीणा जनवरी 2021 से राजस्थन आर्थिक सलाहकार परिषद योजना भवन जयपुर में विशेषाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
सोनी ने बताया कि रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद प्रतीक ब्यूरो के दल ने आरोपियों के निवास की तलाशी ली जिसमें झाझड़िया के निवास से रिश्वत के तीन लाख रुपए के अलावा पांच लाख 37 हजार रुपए बरामद हुए। करौली के श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा के निवास की तलाशी में 10 लाख 83 हजार रुपए की राशि बरामद हुई।
उन्होंने बताया कि प्रतीक झाझड़िया, अमित शर्मा और रमेश मीणा को आज न्यायालय में पेश किया गया। इस मामले में अन्य जिला श्रम कल्याण अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।