नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने कारवां पत्रिका में प्रकाशित एक लेख के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल के पुत्र विवेक डोभाल की ओर से दायर मानहानि याचिका की सुनवाई करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पत्रिका और लेखक कौशल श्रॉफ को शनिवार को समन किया।
विवेक ने अपनी याचिका में कहा है कि लेख का प्रकाशन राजनीतिक प्रतिशोध की खातिर एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया गया और आरोपियों में से एक कौशल श्रॉफ ने लेख को इस ढ़ंग से लिखा कि पाठकों के सामने एक छद्म तस्वीर पेश की जा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस लेख के जरिये उनकी और उनके परिवार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है।
विवेक डोभाल ने लेख के तथ्यों की जांच किये बिना उसे संवाददाता सम्मेलन में इस्तेमाल करने के आरोपी जयराम रमेश के खिलाफ अभियोग चलाने की मांग की।
लेख में आरोप लगाया गया था कि ब्रिटेन के केमैन द्वीप में रहने वाले विवेक डोभाल वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के बाद धनशोधन में शामिल थे। विवेक डोभाल की केमैन द्वीप में केमैन आइलैंड हेज फंड नामक वेब कंपनी है।
विवेक ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा और कंपनी की शुरुआत, हालांकि लगभग एक ही समय पर हुई, लेकिन ये दोनों घटनाओं का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मानहानि याचिका की सुनवाई करने के बाद ‘कारवां’ पत्रिका, लेखक कौशल श्रॉफ और कांग्रेस नेता जयराम रमेश को 25 अप्रेल को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया।