नयी दिल्ली | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के आम चुनाव के दौरान किये गये वादों को पूरा कर पाने में विफलता को आगामी 2019 के चुनाव में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार के झूठ को उजागर करना है।
रमेश ने एक टेलीविजन चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, “ 2019 लोकसभा चुनाव का आधार यही होगा कि मोदी के वादों का आखिर क्या हुआ। 2014 के चुनाव में जैसे हम एक मुद्दा थे, ठीक वैसे ही 2019 में एक मुद्दा होगा-नरेंद्र मोदी। यह हमारा कर्तव्य है कि मोदी सरकार के झूठ को सामने लाया जाये।”उन्होंने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में हुए बदलाव का सराहना की और कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर अधिक से अधिक युवा नेताओं को नियुक्त किया जाना पार्टी सदस्यों की लंबित मांग थी।
उल्लेखनीय है कि गांधी ने हाल के महीनों में कांग्रेस के पुनर्गठन के तहत विभिन्न राज्यों में पार्टी प्रभारी के रूप में युवा चेहरों को मौका दिया है। रमेश ने कांग्रेस की कार्यशैली में बदलाव का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी द्वारा तेजी से निर्णय लिया जाना इस बदलाव की झलक है। हाल में कर्नाटक के घटनाक्रमों में यह झलकी नजर आयी जब पार्टी ने जनता दल (सेक्युलर) से गठबंधन को लेकर तेजी से कदम बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब धीमी गति से कदम नहीं बढ़ायेगी , जैसा मणिपुर, गोवा अथवा अरुणाचल प्रदेश में किया गया। कांग्रेस नेतृत्व ने कर्नाटक में न सिर्फ गठबंधन को लेकर तेजी से निर्णय लिया , बल्कि बिना किसी शर्त के जद(एस) को मुख्यमंत्री पद की पेशकश कर विशाल हृदय का परिचय दिया। इसके अलावा जद(एस) को वित्त मंत्रालय भी दे दिया।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए विभिन्न राज्यों में अन्य विपक्षी दलों से गठबंधन की दिशा में काम कर रही है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं झारखंड विकास मोर्चा तथा महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो चुनाव-पूर्व गठबंधन के लिए कांग्रेस अपने दरवाजे खुले रखेगी।