नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि पुलवामा हमले के कर्ताधर्ता पाकिस्तान में ही मौजूद हैं और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान का इस संबंध में भारत से गुप्तचर सूचना के सबूत मांगने की बात बेतुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मंगलवार को यहां हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमला करने वाला आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद खुद स्वीकार कर चुका है कि यह हमला उसने किया है।
इस स्थिति में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का भारत से सबूत ‘इंटेलिजेंस सबूत’ मांगने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि सबूत आपके घर में हैं। भारत सरकार ने मुंबई हमले के बारे में भी सबूत उपलब्ध कराए थे लेकिन उसके दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
जेटली ने कहा कि हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है जिनमें दो इस हमले के प्रमुख मास्टरमाइंड थे। ये दोनों पाकिस्तानी नागरिक थे फिर इंटेलिजेंस की रिपोर्ट मांगने की क्या जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद यह थी कि जिस घटना की पूरी दुनिया भर्त्सना कर रही है उसकी इमरान खान भी अपने वक्तव्य में निंदा करते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनके बयान में उन परिवारों के बारे में भी कोई सहानुभूति व्यक्त नहीं की गयी है जिनके परिजन इस हमले में शहीद हुए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद देश के सुरक्षा बलों का आत्म विश्वास ऊंचा है और वे 24 निगरानी रखे हुए हैं। दुनिया ने भारत के रुख का समर्थन किया है और विश्व समुदाय में पाकिस्तान की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि भारत यदि पुलवामा हमले के संबंध में उसे सबूत उपलब्ध कराए तो उनकी सरकार इस संबंध में जांच कराने के लिए तैयार है। भारत अभी बिना जांच के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है।