गया। भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बिहार के गया से पुलिस ने आज पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी तौफीक रजा उर्फ एजाज अहमद को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि पश्चिम बंगाल पुलिस को यह इनपुट मिली थी कि तौफीक गया जिले के मानपुर प्रखंड के बुनियादगंज बाजार के निकट अपनी पहचान छुपाकर कुछ वर्षों से रह रहा है। इसी आधार पर पश्चिम बंगाल के विशेष कार्यबल के साथ आए बंगाल आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उसके घर की रेकी की।
सूत्रों ने बताया कि तौफीक की सही पहचान करने के बाद आज उसके बुनियादगंज बाजार स्थित घर की घेराबंदी की गई। इसके बाद तौफीक को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार तौफीक के पास से कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आतंकी को गया व्यवहार न्यायालय लाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि तौफीक वर्ष 2007 से ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर रहा है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि तौफीक के संपर्क में कौन-कौन से स्थानीय लोग थे और तौफीक कहीं अपने संगठन के विस्तार के लिए स्लीपर सेल (संगठन से लोगों को जोड़ने) बनाने के इरादे से तो यहां छुपकर नहीं रह रहा था।
गौरतलब है कि गया हमेशा से आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। 05 जुलाई 2013 को गया जिले के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में सिलसिलेवार बम विस्फोट किए गए थे। इस विस्फोट में कई लोग घायल हो गए थे जबकि कई बमों को बरामद कर निष्क्रिया किया गया था।
महाबोधि मंदिर बम विस्फोट मामले में बाद में हैदर अली, अजहरुद्दीन कुरैशी, उमर सिद्दीकी, इम्तियाज अंसारी और मुजिबुल्लाह को गिरफ्तार किया गया था। इन आतंकवादियों को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
इसके बाद 14 सितंबर 2017 को पुलिस ने गया के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र से वर्ष 2008 में गुजरात के अहमदाबाद बम विस्फोट के मुख्य आरोपी तौसीफ खान और उसके सहयोगी सना खान को गिरफ्तार कर लिया था। तौसीफ और साना दोनों गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र में करमौनी गांव का रहने वाला बताया गया। हालांकि इनके पास से जो मतदाता पहचान पत्र बरामद हुए थे वे गुजरात के थे।
वहीं, 19 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर के गेट संख्या चार के पास से एक कम शक्ति के विस्फोटक और दो बम बरामद किए गए। पुलिस सूत्रों ने बताया था देर शाम मंदिर परिसर की सफाई के क्रम में महाबोधि मंदिर के गेट संख्या-4 के पास से एक लावारिस थैला मिला। जब वहां तैनात बिहार सैन्य पुलिस के हवलदार उपेंद्र प्रसाद राय ने संदिग्ध थैले को देखा तो स्कैनर से उसकी जांच कराई गई। जांच में उस थैले में विस्फोटक होने की पुष्टि हो गई।
इसके बाद परिसर में गहनता से जांच की गई तब श्रीलंका के मठ के पास से एक अन्य विस्फोटक बरामद हुआ। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटकों को अपने कब्जे में लेते हुए उसे वहां से तत्काल हटा दिया था।
इसके बाद 15 सितंबर 2018 को बोधगया के कालचक्र मैदान से जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बम बरामद किया था। एनआईए की टीम जब गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद उमर को लेकर बोधगया पहुंची तो उसकी निशानदेही पर कालचक्र मैदान स्थित शौचालय के समीप से छानबीन के क्रम में एक बम बरामद किया गया था।