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ग्रामीण महिलाओं की किस्मत बदलेगा हर घर नल से जल - Sabguru News
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ग्रामीण महिलाओं की किस्मत बदलेगा हर घर नल से जल

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ग्रामीण महिलाओं की किस्मत बदलेगा हर घर नल से जल

जयपुर। नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल से जल परियोजना ग्रामीण महिलाओं के लिए गेम चेंजर साबित होने जा रही है। पानी की टेस्टिंग से राजमिस्त्री, कारीगर, इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर के कार्य महिलाओं से कराए जाएंगे।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत इस परियोजना में साल 2024 तक ग्रामीण भारत के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए हर ग्राम सभा में पानी समिति का गठन किया जा रहा है। खास बात यह है कि पानी समिति में 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएं होंगी। यह समिति ही तय करेगी कि कैसे इंफ्रास्ट्रैक्चर (आधारभूत संरचना) तैयार करना है? पानी का कितना शुल्क लेना है? समिति ही पानी की सप्लाई का प्रबंधन भी करेगी।

जलशक्ति मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड सेनिटेशन के एक अधिकारी के अनुसार साधारण प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, राजमिस्त्री जैसे कार्य पुरुषों की भांति महिलाएं भी कर सकती हैं। पानी समिति में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी को देखते हुए उनके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जो प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र के सहयोग से शुरू भी हो चुके हैं। वर्तमान में 15 हजार ग्रामीणों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार नहीं है, जब महिलाओं को प्लंबिंग और राजमिस्त्री के कार्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साल 2000 में गुजरात में महिला स्वयं समूहों ने इस कार्य को बखूबी किया था।

महिलाओं को पानी की टेस्टिंग (बॉयोलोजिकल और केमिकल मिश्रण) की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। योजना की गाइडलाइन्स के अनुसार यदि प्राथमिक स्तर पर पानी का सैंपल पॉजिटिव आता है तो समिति में पांच सदस्यों की जिम्मेदारी होगी कि वो निकट के वाटर क्वालिटी टेस्टिंग लैब से संपर्क करें।

डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड सेनिटेशन के अतिरिक्त सचिव भारत लाल के अनुसार महिलाएं प्लानिंग से लेकर प्रबंधन और संचालन से लेकर रख-रखाव तक कार्य संभालेंगी। महिला सशक्तीकरण में यह परियोजना एक बड़ा कदम साबित होगी।

पानी समितियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की 25 प्रतिशत भागीदारी रहेगी। पानी की सप्लाई के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रैक्चर की लागत का 10 प्रतिशत ग्रामीणों को देना होगा। वो नकद या श्रम के माध्यम से इसे चुका सकते हैं, लेकिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए इसे 5 प्रतिशत रखा गया है।

हर घर नल से जल परियोजना के तहत प्रत्येक घर को प्रतिदिन 55 लीटर पीने के पानी की सप्लाई की जाएगी। वर्तमान में 17.87 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.28 करोड़ यानी 18.33 प्रतिशत को नल से जल मिल रहा है। सरकार राज्यों के साथ मिलकर इस परियोजना को पूरा करेगी। पांच साल में परियोजना पर 3.6 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 1.52 लाख करोड़ रुपए राज्यों को देने होंगे।