पुष्कर। तीर्थनगरी पुष्कर और समीवर्ती गांवों में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर गाजे बाजों के साथ देवी देवताओं की रेवाडियां निकाली गई।
आईडीएसएमटी कॉलोनी स्थित जोगणिया धाम पुष्कर की ओर से सातु बहना बिजासन मां तथा बाबा रामदेवजी की रेवाड़ी निकली तथा हर साल की तरह दोनों चल मूर्तियों को तीर्थ नगरी का भ्रमण कराया गया। बैंड बाजे के साथ जयपुर घाट पर तीर्थ सरोवर पुष्कर के जल से मूर्तियों का अभिषेक कराके रेवाडिया पुनः जोगणिया धाम पहुंची।
सातु बहना बिजासन मां तथा बाबा रामदेवजी की जलझूलनी एकादशी पर रेवाडियां जोगणियाधाम के संस्थानपक भंवरलाल की माताजी एवं सातु बहना धिराणियां मंदिर बाबूगढ कमला बाबडी अजमेर की परम उपासक स्व प्रभाती देवी मेघवंशी की स्मृति में निकाली जाती हैं।
इसी तरह पीसांगन में एक साथ 36 देवी-देवताओं की रेवाड़ियो से कस्बे का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो उठा। कस्बे के पुराने थाने पर विभिन्न स्थानों के मंदिरों की एक साथ रेवाड़िया रवाना हुई जो मुख्य बाजार से होती हुई पथवारी उधान पर पहुंची। मार्ग में धर्मप्रेमियों ने शोभायात्राओ पर पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया।
पथवारी उद्यान पर सभी मंदिरों की रेवाडियों को दर्शन के लिए विराजित किया गया। यहां बड़ी संख्या में कस्बे के लोगों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की मनोकामना की। रेवाडियों के लिए जयपुर का जिया बैंड मंगवाया गया था जो आकर्षण का केंद्र रहा।
पथवारी उद्यान से सभी रेवाडियो को केशोलाव तालाब पर ले जाकर जल विहार कराया गया और फिर रेवाडियां अपने अपने मंदिरों की ओर प्रस्थान कर गईं।
आयोजन को सफल बनाने के लिए पीसांगन सरपंच रामचंद्र ललांबा, दिनेश तिवाड़ी, शिवरतन पलोड़, नौरतमल सोनी, लालचंद प्रजापत सहित कई लोगों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।