नई दिल्ली। जल जीवन मिशन पर लोकसभा में चर्चा के दौरान शोरगुल करने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जिसे कांग्रेस ने कभी संभावना के रूप में भी नहीं सोचा, उसे भाजपा ने हकीकत में बदला है। जल जीवन मिशन लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। इसलिए वे नहीं चाहते कि हम इस बारे में संसद में बात करें। वे शोर करेंगे, हम काम करेंगे।
गुरुवार को लोकसभा में जल जीवन मिशन पर चर्चा के दौरान शेखावत ने कहा कि संविधान में जल राज्यों का विषय है। राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर काम सुनिश्चित करने का अधिकार है, लेकिन साथ ही साथ हम भी निगरानी रखते हुए राज्यों के साथ मिलकर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक आकांक्षी जिलों की बात है तो जल जीवन मिशन में इन जिलों में कार्य प्रारंभ हो चुका है। इन जिलों में शेष जिलों से अधिक तेजी से काम हुआ है। ऐसे पिछड़े हुए जिलों, जो सामान्यतः विकास की दौड़ में पीछे रह गए थे, में परिवार की माता-बहनों को आजादी के 75वें वर्ष में पानी ढोहने के अभिशाप से मुक्त करा पाएं, इसके लिए हम संकल्पबद्ध होकर काम कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल सबसे निचले पायदान पर
लोकसभा में जल जीवन मिशन को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि 40.89 प्रतिशत ग्रामीण आबादी तक नल से जल पहुंचने लगा है। 15 अगस्त, 2019 को देश में केवल 17.07 प्रतिशत ग्रामीण घरों के पास यह सुविधा उपलब्ध थी। आज गोवा, अंडमान और निकोबार, तेलंगाना तथा पुड्डुचेरी में 100 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिलने लगा है।
बिहार (85.18%), दादर और दमन द्वीप (99.14%), गुजरात (84.32), हरियाणा (96.1%), हिमाचल प्रदेश (79.67%), पंजाब (81.57%), सिक्किम (78.11%) में तेज गति से कार्य हो रहा है। पश्चिम बंगाल पानी पहुंचाने में सबसे पीछे है, यहां केवल 10.98% ग्रामीण घरों तक पानी पहुंच पाया है। यूपी (11.91%), छत्तीसगढ़ (12.73%), झारखंड (13.44%), असम (14.12%), राजस्थान (20.16%) में भी जल जीवन मिशन की रफ्तार धीमी है।