जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान के मुखिया मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर मामले में कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सौम्या गुर्जर के पति का काट छांट कर वीडियो पेश करना इसी षड्यंत्र का हिस्सा है, जबकि सच्चाई यह है कि खुद बीवीजी कंपनी ने वीडियो की बातों का खंडन किया है।
शुक्रवार को शेखावत ने कहा कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के निलंबन का केस अदालत के समक्ष विचाराधीन है। सौम्या के पति राजाराम गुर्जर का जो वीडिया पेश किया गया है, उसमें बातें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन राज्य के मुखिया ने जान-बूझकर वीडियो से दूसरा नजरिया पेश करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि वीडियो के जरिए राष्ट्रभक्त संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को सोची-समझी साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश की गई है। इसके पीछे केवल और केवल राहुल गांधी को खुश करने की मंशा है, क्योंकि कांग्रेस के युवराज का एक सूत्रीय एजेंडा संघ को बदनाम करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीवीजी कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वीडियो में जो चर्चा चल रही थी, वह केवल कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सेबिलिटी (सीएसआर) के तहत प्रताप गौरव केंद्र को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में थी और उसी दौरान हुई बातचीत को गलत संदर्भ में जोड़ा जा रहा है।
कंपनी के स्पष्टीकरण के बावजूद कांग्रेस के नेता गलत बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे। वो केवल राज्य में बढ़ रही लूट, दुष्कर्म, हत्या जैसी आपराधिक घटनाओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता इनकी सच्चाई जान चुकी है। वो समय आने पर एक-एक बात का हिसाब लेगी।
शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने की कार्रवाई कर पहले ही जनमत का अपमान कर चुकी है। पिछले साल गहलोत साहब लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे थे और उन्होंने उसी लोकतंत्र की हत्या कर दी है।