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पेयजल को लेकर जीतना होगा आमजन का विश्वास : शेखावत - Sabguru News
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पेयजल को लेकर जीतना होगा आमजन का विश्वास : शेखावत

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पेयजल को लेकर जीतना होगा आमजन का विश्वास : शेखावत

नई दिल्ली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पेयजल को लेकर हमें आमजन के विश्वास को जीतने के जरूरत है, क्योंकि जनता को घर तक सप्लाई हो रहे पानी की गुणवत्ता पर पूर्ण विश्वास नहीं है। यही कारण है कि दिल्ली जैसे विकसित शहर के 40-50 प्रतिशत घरों में आरओ या दूसरे फिल्टर लगे हुए हैं।

शुक्रवार को जल जीवन मिशन के तहत पीने योग्य पानी को लेकर आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में शेखावत ने कहा कि दुनिया के कई देशों में हम नल खोलकर सहजता से पानी पीने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन अपने देश में इतने प्रयासों के बावजूद व्यवस्था पर लोगों का अविश्वास कायम है। आज भी हमारे लोग सीधे नल से खोलकर पानी पीने में संकोच करते हैं।

गुणवत्ता का पानी देने के बावजूद कैसे लोगों के मन में व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा किया जाए, यह भी बड़ी चुनौती है। विडंबना यह है कि पानी की गुणवत्ता को लेकर दुनिया के 122 देशों की श्रृंखला में हम 120वें नंबर पर हैं। आजादी के पहले और आजादी के बाद 70 सालों में सरकारों ने अपने स्तर पर पानी की गुणवत्ता को लेकर काम किया है। इतने वर्षों के प्रयास के बावजूद आज भी केवल 20 प्रतिशत जनसंख्या तक उच्च गुणवत्ता का पानी घरों में मिल रहा है।

शेखावत ने कहा कि देश में 52 हजार स्थान ऐसे हैं, जहां भूजल की गुणवत्ता हमारे लिए एक चुनौती है। यहां आर्सेनिक, फ्लोराइड, यूरेनियम समेत दूसरे हानिकारक तत्व पानी में मौजूद हैं। पश्चिम बंगाल में गंगा तट का बड़ा क्षेत्र आर्सेनिक से प्रभावित है। पंजाब के पानी में यूरेनियम है। औद्योगिक क्रांति के कारण पंजाब के बड़े हिस्से में जल प्रदूषित हुआ है। इसके दुष्परिणाम कुछ ऐसे हैं कि पंजाब से बीकानेर तक चलने वाली एक ट्रेन का नाम ही कैंसर एक्सप्रेस पड़ गया है।

राजस्थान में फ्लोराइड छिन रहा जिंदगियां

उन्होंने कहा कि राजस्थान में फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में जीवन के लिए बड़ी चुनौती है। मैं स्वयं करीब से देखा है, कैसे लोगों के दांत और हड्डियां खराब हो जाती हैं। पूरा गांव का गांव शारीरिक रूप से दिव्यांग की श्रेणी में खुद-ब-खुद पानी के कारण आ जाता है। इन सबके परेशानियों के बावजूद शुद्ध पेयजल की घर-घर तक आपूर्ति करना हम सब के लिए बड़ी चुनौती है।

जोधपुर के गांवों में 10 प्रतिशत आरओ ही सही बचे

शेखावत ने कहा कि जलदाय विभाग के इंजीनियर के घर में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है। इसलिए मैंने पेयजल की चुनौतियों को बहुत नजदीक से देखा है। अपने संसदीय क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जोधपुर में करीब 250 गांवों में आर.ओ सिस्टम लगाए गए थे, लेकिन आज उनमें से केवल 10 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं, जबकि बहीखाते में दर्ज है कि हमने इतने गांवों में आरओ लगा दिए।

स्वच्छता मिशन ने बचाए परिवारों के पैसे

शेखावत ने कहा कि स्वच्छता मिशन की शत-प्रतिशत सफलता के चलते आज प्रत्येक परिवार के प्रतिवर्ष चिकित्सा पर खर्च होने वाले 50 हजार रुपए बचे हैं। महिलाओं को सम्मान से जीने का अधिकार मिला है। कुछ ऐसा ही हमें पेयजल को लेकर करना है, क्योंकि दूषित जल के कारण देश में 60 प्रतिशत गैर-संक्रामक बीमारियां होती हैं। यदि स्वच्छ जल सभी को मिलने लगेगा तो इन बीमारियों से निश्चित रूप से छुटकारा मिल सकेगा। हम नई तकनीकों को अपनाकर मिशन को जल्दी पूरा कर सकते हैं।

संगठनों का सहयोग लेंगे

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में पानी और स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों का सहयोग लिया जाएगा। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि सरकार के साथ समाज भी जब अपनी जिम्मेदारी निभाएगा, तभी इस परेशानी का समाधान निकलेगा। हम यह संकल्प लें कि देश के एक-एक बच्चे को शुद्ध पानी मिले। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है कि जल जीवन मिशन को तय समय में पूरा करने के लिए सभी राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिल रहा है।