जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि राजस्थान में पानी की उपलब्धता और राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए प्रत्येक गांव में पेयजल के लिए अलग से योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।
शेखावत ने आज जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन और प्रगति समीक्षा कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक घर में स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए पूरी इच्छाशक्ति से काम करने की जरूरत है। उन्होंने राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की।
शेखावत ने उन्होंने राज्य सरकार से जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक गांव के लिए वहां उपलब्ध जल स्त्रोतों के आधार पर योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विशिष्ट भौगोलिक सतही जल के पूरा इस्तेमाल के लिए रणनीति बनाई जानी चाहिए। शेखावत ने कहा कि भूमिगत जल प्रबंधन के लिए अगर राजस्थान सरकार कोई योजना बनाती है तो केंद्र सरकार इसमें पूरी मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में इस्तेमाल के बाद बहाए गए पानी को दोबारा इस्तेमाल के युक्त बनाने के कार्य को गंभीरता से लिये जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही इस कार्य से स्थानीय जल समिति को स्थाई आय भी होगी।
राजस्थान में विभिन्न जल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराए जाने की मांग पर जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से चर्चा की जा सकती है। शेखावत ने राजस्थान में नर्मदा नदी के पानी के समुचित इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त सिंचित क्षेत्र विकसित करने की जरूरत पर भी बल दिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए राजस्थान के जल संसाधन मंत्री बीडी कल्ला ने जल जीवन मिशन में राजस्थान सरकार की भागीदारी को लेकर आश्वस्त किया और कहा कि सरकार एवं राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेगी। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रमाणीकरण के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पेयजल योजनाओं में केंद्र सरकार से 90% अनुदान की मांग की।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को 7 हजार 51 करोड़ 71 लाख स्वीकृत किए गए हैं। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भरत लाल ने बताया कि मिशन के तहत पांच वर्षों में तीन लाख 60 हजार करोड रुपए की लागत से देश के प्रत्येक घर में पीने का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 81.35 लाख करोड में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना शेष है। जिसके लिए राज्य सरकार को गंभीरता से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान को जल जीवन मिशन के अंतर्गत इस वर्ष 1051.71 करोड रुपए अतिरिक्त दिए गए थे। जिसमें से 428.24 करोड रुपए जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने राज्य द्वारा इस कार्य पर अब तक सिर्फ 52.17 करोड रुपए खर्च करने पर चिंता व्यक्त की और इस कार्य को गति देने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत राजस्थान को 7 हजार 51 करोड़ 71 लाख स्वीकृत किए गए हैं।