सोफिया कॉलेज में पानी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का छात्रों से सवाल
अजमेर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को स्टूडेंट्स से कहा कि जैसे क्रिकेट में विराट कोहली मैच जीताता है, उसी तरह आपको भी पानी को लेकर देश को जीताना होगा। जब तक जल आंदोलन जन-जन का आंदोलन नहीं बनेगा, हम देश को जल संकट से निजात नहीं दिला सकेंगे।
शहर के सोफिया कॉलेज में अर्थशास्त्र तथा राजनीति विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में वाटर ए फोकस ऑन द फ्यूचर एंड इनोवेशन विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शेखावत ने क्रिकेट से पानी को जोड़ते हुए कहा कि सबसे रोमांचक मैच तो वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच ही होगा। कल्पना कीजिए पाकिस्तान ने 300 रन का टारगेट दिया और रनों का पीछा करते हुए हमारे 7 बल्लेबाज आउट हो गए।
अंतिम चार गेंदों पर 12 रन चाहिए, लेकिन विराट कोहली बॉलर वाले छोर पर खड़ा है, जबकि स्ट्राइक पर निचले क्रम का बल्लेबाज है। स्टेडियम में सन्नाटा है। घर पर मैच देख रहे लोग प्रार्थना कर रहे हैं। गेंदबाज गेंद फेंकता है और बल्लेबाज किसी तरह एक रन लेकर विराट को स्ट्राइक दे देता है। तीन गेंदों पर 11 रन चाहिए। अगली गेंद पर एक्सट्रा का एक रन मिलता है और गेंद बच जाती है। 3 गेंदों पर 10 रन चाहिए।
विराट अगली गेंद पर चार रन लगा देता है, लेकिन अगली गेंद खाली चली जाती है। अब एक गेंद पर 6 रन चाहिए। अगली गेंद पर विराट छक्का लगाकर मैच जीता देते हैं। उन्होंने कहा कि आप बताइए जीत का श्रेय कौन लेगा? विराट, जिसने अंत में 10 रन बनाए या एक रन लेकर विराट को स्ट्राइक देने वाला बल्लेबाज या घर पर बैठकर प्रार्थना करने वाले आप या पहले रन बनाकर गए बल्लेबाज या चयनकर्ता। उन्होंने छात्रों से सवाल किया कि मैच की तरह पानी बचाने को लेकर आप क्या बनना चाहेंगे? यह आपको तय करना है।
पांच साल में अहम
उन्होंने कहा कि साल 1942 में हिंदुस्तान की आजादी का आंदोलन अपने चरम पर था। तब महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो शुरू किया था। तब आजादी का आंदोलन आमजन का आंदोलन बन गया था। केवल पांच साल में देश को आजादी मिल गई थी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आजादी के आंदोलन के तरह अगले कुछ वर्षों में हम जल संकट से निजात पा लेंगे।
चर्चा नहीं समाधान का हिस्सा बनें
शेखावत ने कहा कि दुनिया में इस समय पानी सबसे ज्वलंनशील विषय है। भारत इस विषय पर पूरी दुनिया को नया रास्ता दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि दरअसल, पानी की समस्या के मूल में इंसान ही है। जो कुछ हमने नष्ट किया है, उसके समाधान की जिम्मेदारी हमारी ही है। इसलिए केवल कॉफी टेबल पर चर्चा से काम नहीं चलने वाला है। जरूरत इस समस्या के समाधान में हिस्सा बनने की है।
इजराइल से सीखने की जरूरत
शेखावत ने कहा कि भारत जब आजाद हुआ, ठीक उसी के आसपास इजराइल बना था। इजरायल में पानी नहीं था तो उन्होंने पानी की खेती शुरू कर दी। उनकी दृढ़इच्छाशक्ति ही है कि आज वो अपने पड़ोसी देशों को पीने के पानी का निर्यात करते हैं। इजरायल में एक बूंद पानी को भी बर्बाद नहीं होने दिया जाता है। हमें उसने सीखने की जरूरत है।
हमारे तो 260 करोड़ हाथ हैं
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि जब ये जल आंदोलन जन-जन का आंदोलन बन जाएगा तो समाधान निकल आएगा। उपनिषेद में लिखा है कि सरकार को किसी भी कार्य की सफलता के लिए हजार हाथों की जरूरत होती है। हम तो सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास 260 करोड़ हाथ हैं।
तभी तो बनेगी 5 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 बिलियन डॉलर की बनाने का संकल्प लिया है, लेकिन क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि जिस देश में पानी न हो, वो वहां तक कैसे पहुंचेगा? उन्होंने कहा कि भारत का ट्रांसफोरमेशन (रूपांतरण) होगा, यह तय बात है, लेकिन पानी के बिना इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। यदि भारत को सपनों का देश बनाना है तो हमें इसे पानी को लेकर सुदृढ़ बनाना होगा।