Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
इतिहास पुरुषों की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत : शेखावत - Sabguru News
होम Breaking इतिहास पुरुषों की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत : शेखावत

इतिहास पुरुषों की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत : शेखावत

0
इतिहास पुरुषों की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत : शेखावत

मुंबई में महाराणा प्रताप एकता मंच के कार्यक्रम में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री का उद्बोधन
मुंबई। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अंग्रेजों ने हमारे इतिहास को विकृत करने का काम किया है। अब समय आ गया है कि हम उसे सुधारें और हमारे इतिहास पुरुषों की गौरवगाथाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें।

शेखावत मुंबई में रविवार देर रात महाराणा प्रताप एकता मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने हितों को कुर्बान कर समष्टि के कल्याण के लिए काम किया। समाज के लिए कई लोगों ने प्रताप के साथ काम किया और हिदुत्व की संस्कृति को बचाने के लिए अपने आप को होम कर दिया।

उन्होंने कहा कि कोई भी शासक जब अपने हितों और परिवार से ऊपर उठकर समाज के लिए काम करता है तो वह समाज को अपने साथ जोडकऱ चलता है। गरीब के कल्याण के लिए काम करता है, तब जाकर वह आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करता है। महाराणा प्रताप ने भी आदिवासियों को साथ लेकर लड़ाई लड़ी। उन्होंने दिवेर का युद्ध में अकबर की सेना का नरसंहार किया था। कई साल तक मुगलिया सुल्तान ने इधर देखा तक नहीं।

इतिहास के साथ हुई छेड़छाड़

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई। हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप को हारा हुआ दिखाया गया। उस पीढ़ी परम्मरा में कई योद्धा अजेय रहे। इसमें महाराणा सांगा और महाराणा लाखा जैसे नाम है, लेकिन सुनियोजित तरीके से इतिहास के पन्नों से उन्हें मिटा दिया गया। महाराणा लाखा ने ईरान तक जाकर मुगलों को खदेड़ दिया था। तीन सौ साल तक विदेशी आंक्रांता नही आए थे, भारत भूमि की।

आजादी के बाद भी गुलाम मानसिकता

शेखावत ने कहा कि आजादी के बाद ऐसा लगता था कि गुलामी की मानसिकता से हम आजाद हो जाएंगे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। हमारी मानसिकता आजादी के बाद भी गुलामी की ही रही। इसलिए अकबर महान, बाबर महान पढ़ाया गया। महाराणा लाखा नहीं महान नहीं पढ़ाया जाता। राजस्थान में सरकार आज भी महाराणा प्रताप पर लिखे पन्नों को इतिहास से मिटाने का काम करते हैं, क्योंकि वे तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। इस गुलामी की मानसिकता को दूर करने के लिए देश को नरेन्द्र मोदी जैसे व्यक्तित्व का इंतजार करना पड़ा।

अब सरकार के भरोसे नहीं रहें

शेखावत ने कहा कि समय आ गया है कि अब सरकार के भरोसे नहीं रहें। उन्होंने लेखक ओमेद्र रत्नू की पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक किताब लिखी है- महाराणा एक हजार वर्ष का धर्मयुद्ध। ऐसी पुस्तकें लिख-लिखकर देश की गौरवगाथाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करना होगा। अब सरकार के भरोसे नहीं बैठना है। हमें अपने प्रयासों से समाज में जागृति लाकर युवा पीढ़ी को देश के इतिहास पुरुषों और इसके मानबिंदुओं के सम्मान की परम्परा शुरू करनी होगी।