बारां। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में बढ़ती बिजली कटौती, बढ़ते अपराधों, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि अपनी विफलता का ठीकरा दूसरे पर फोड़ना और उससे बचकर निकलने का प्रयास करना, यह जादूगरी मुख्यमंत्री जी को आती है। इसलिए वो जादूगर कहलाते हैं।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत बारां में आकांक्षी जिले की समीक्षा बैठक में आए थे। मीडिया से बातचीत में राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर शेखावत जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप के केस दर्ज हो रहे हैं। अबोध बालिकाओं से दुराचार की घटनाओं में हम एक नंबर पर हैं, लेकिन यह सरकार निरंतर अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए बिना किसी आधार की चीजों को खड़ा करके और उनपर अनर्गल राजनीतिक टिप्पणियां करके अपना दामन पाक-साफ बताकर निकलना चाहती है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता अब इस बात को जानती है और मैं सभी मीडिया संस्थानों का अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने इन विषयों को बहुत गंभीरता के साथ जनता के बीच में उठाया है। शेखावत ने कहा कि भाजपा बेहतर तरीके से विपक्ष की भूमिका निभाते हुए इस असफल और विफल सरकार को उखाड़ फेंकेगी।
प्रदेश में बढ़ते बिजली संकट पर शेखावत ने कहा कि जब-जब कांग्रेस की सरकार रही हैं, बिजली का संकट आया ही है। हमेशा पावर कट हुए हैं। जब वर्ष 2008-13 तक कांग्रेस सरकार थी, तब तो लोगों को बिजली कटौती की आदत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यहां से लेकर छत्तीसगढ़ तक और छत्तीसगढ़ से सोनिया गांधी के दरबार तक कोयले के लिए राजस्थान सरकार चक्कर काटकर आई। जो कोयला राजस्थान के हिस्से का था, उसे पिछले चोर दरवाजे से किसने बेचा, कैसे बेचा, क्यों बेचा, थोड़ा खोज करिए, आपको बिजली कटौती के प्रश्न का समाधान मिल जाएगा।
पहले दिन से यह सरकार विग्रह का शिकार
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि यह सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने की कोशिश कर रही है, जबकि यह सरकार बनने के पहले दिन से आपसी विग्रह का शिकार है। इस कारण सरकार का कानून-व्यवस्था पर ध्यान नहीं है। राजस्थान जैसे शांतिप्रिय राज्य में आज अपराधियों को जेल से छुड़ाया जा रहा है। कोर्ट में गोलियां चलाई जा रही हैं। पुलिस की मौजूदगी में धार्मिक उन्माद फैलाकर दंगे कराए जा रहे हैं।
इसके बावजूद राजस्थान के मुखिया और उनके साथ बैठे हुए लोग विफलता का ठीकरा अन्य पार्टी के शीर्ष नेता पर, जो वहां से 100-200 किलोमीटर दूर थे, पारिवारिक कार्यक्रम में आए थे, फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से राजस्थान को बाहर निकालने की जिम्मेदारी भाजपा की है और प्रमुख विपक्षी पार्टी के नाते हम उसे निभा रहे हैं।
लाखों लोगों के सूखे कंठ देखें मुख्यमंत्री
ईआरसीपी पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन यह 13 जिलों के लाखों लोगों के जीवन से जुड़ा प्रश्न है। अशोक गहलोत साहब इसे राजनीति की फुटबॉल बनाने के बजाय और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए उपयोग करने के बजाय उन लाखों लोगों के सूखे कंठों की तरफ देखकर इसमें निर्णय करें।
75 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी पर प्रोजेक्ट बनाएं। मैं हाडौती की धरती पर बैठकर कह रहा हूं कि इस पर हम एक महीने में निर्णय कराएंगे। केवल राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने में नहीं, बल्कि उससे भी ऊपर इंटरलिंकिंग में इसे लाने की कोशिश करेंगे। शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से आग्रह करेंगे कि 60-40 के अनुपात के बजाय 90-10 की ग्रांट मिले।
उन्होंने कहा कि मैंने एक दिन पहले भी राज्य के जलदाय मंत्री से कहा था कि यदि आप से दिल्ली नहीं आया जाता है तो मैं अपने अधिकारियों को लेकर राजस्थान आता हूं। राजस्थान के हितों के लिए मुझे यहां व्यक्तिगत मान-सम्मान कुछ नहीं चाहिए। राजस्थान के हितों के लिए बैठकर चर्चा करेंगे और मध्यप्रदेश को भी बुलाएंगे, पर जो देश का नियम कानून हैं, उसके अनुसार कि काम कर पाएंगे।
जल जीवन मिशन पर उन्होंने कहा कि जल संविधान में राज्य का विषय है। जल जीवन मिशन को लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। राजस्थान को अपनी गति को बढ़ाने की जरूरत है।
वर्ष 2020 के बाद विधायक हो गए निरंकुश
राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरीके के मामले प्रदेश में आ रहे हैं। कलेक्टर ट्रांसफर के बाद भी घूसखोरी करते हुए पकड़े जा रहे हैं। जिन्होंने वर्षों से ऐसे घोटाले किए हैं। वह घोटाले करते हुए फिर मलाईदार पदों पर बैठाए जा रहे हैं। सरकार में बैठे हुए लोगों के संरक्षण के बिना ऐसा नहीं हो सकता है। यह तो चंद मामले हैं।
धरातल पर उतर कर देखिए, विधायकों को जिस तरीके से आजादी दी गई है, वर्ष 2020 की घटना के बाद जब सरकार होटलों में रही, उसके बाद जिस तरह से विधायक निरंकुश हो गए, उनके कहने से सारे ऐसे भ्रष्टाचार लिप्त अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग हो रही है। भ्रष्टाचारियों को जिस तरह का संरक्षण मिल रहा है। शराब, बजरी से लेकर तरह-तरह के माफिया राजस्थान में फल-फूल रहे हैं।
मुझे लगता है कि अब पानी नाक तक आ गया है। जनता अब समय का इंतजार कर रही है कि कब भ्रष्टाचारी सरकार को उखाड़ फेंके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका दूसरा पक्ष देखिए, राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारी लामबंद होकर एसीबी के ऊपर चार्ज लगा रहे हैं कि एसीबी अपने प्रोटोकोल के बाहर जाकर काम कर रही है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं हो सकती है।
हम संगठन की दी जिम्मेदारी निभाते हैं
राज्य में नेतृत्व के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री बोले, भाजपा में यह तय करने की जिम्मेदारी केंद्र में बैठे संसदीय बोर्ड की होती है। बोर्ड ही तय करता है कि कौन व्यक्ति किस जिम्मेदारी के साथ काम करेगा। हमारा संसदीय बोर्ड सक्षम है। जहां तक व्यक्तिगत रूप से मैं अपने विचार को बताऊं तो मैं जिस विचारधारा से आता हूं, हमारे विचार परिवार में हमें यह सिखाया गया है कि व्यक्ति किस दायित्व के साथ काम करेगा, यह तय करना संगठन के वरिष्ठ लोगों की जिम्मेदारी है।
आज मैं राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहा हूं। यदि संगठन कल मुझे कहे कि वनवासी कल्याण परिषद में जाकर काम करना है तो मैं इसी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ काम करूंगा, क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं जिस विचार के लिए काम कर रहा हूं, वह इस राष्ट्र की निर्माण के लिए है। कल क्या होगा, कौन क्या करेगा, इस चिंता से ऊपर हम आज अपने देश क्या कर सकते हैं, इस विचार के साथ जीना मेरे जीवन का ध्येय भी है और मार्ग भी है।