
नई दिल्ली/जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया और आंकड़ों पेश करते हुए कहा कि पहली बार देश में कृषि क्षेत्र की चिंता और चिंतन के अनुरूप काम करने वाली सरकार आई है। हमने पिछले छह साल में किसान को 3 लाख करोड़ से ज्यादा का लाभ पहुंचाया है। देश और किसान इस बात को महसूस करता है।
सोमवार को आंकड़े बताते हुए शेखावत ने कहा कि दलहन के क्षेत्र में 2009-2014 तक केवल 3100 करोड़ रुपए का प्रोक्युर्मन्ट (सरकारी खरीद) हुआ, लेकिन मोदी सरकार के छह साल में दलहन-तिलहन का 74,883 करोड़ रुपए का प्रोक्युर्मन्ट हुआ है, यानी किसान के घर 71,00 करोड़ रुपए अतिरिक्त गया। किसान सम्मान निधि में छह हजार रुपए हर साल किसान को सरकार दे रही है। उन्होंने दलहन, तिलहन, गेहूं, धान, चना समेत अन्य जिंस में बढ़ाई एम.एस.पी के आंकड़े भी दिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग बार-बार ऋण माफी की बात करते हैं। मनमोहन सिंह के समय दस साल में एक बार 50 हजार करोड़ की ऋण माफी की गई, लेकिन हमने दलहन-तिलहन के अलावा गेहूं-चावल में 1 लाख करोड़ का अतिरिक्त प्रोक्युर्मन्ट पिछले पांच साल में किया। किसान सम्मान निधि में 75 हजार करोड़ में इनवेस्टमेंट किया।
50 हजार करोड़ रुपए किसान को इंश्योरेंस के माध्यम से मिला है। कुल मिलाकर 3 लाख करोड़ रुपए किसान के घर अतिरिक्त गए हैं। किसान के पुनरुद्धार के लिए मोदी सरकार ने ही काम किया। इस बात को मैं नहीं, स्वयं स्वामीनाथ ने लेख लिखकर स्वीकार किया है।
शेखावत ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की यह प्रतिज्ञा है कि देश में एमएसपी की वृद्धि हो। एमएसपी अधिकार रूप में मिले। देश के किसान की फसल को खरीदा जाए। हम किसान की आमदनी को दोगुना करने के लिए हर पक्ष को साथ लेकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो किसान के साथ नहीं, बिचौलिए के साथ खड़े हैं।
बिचौलियों के चंगुल से किसानों को निकालने का जिक्र स्वामीनाथ रिपोर्ट में भी है। उन्होंने कहा है कि वन नेशन- वन मार्केट के रास्ते में जाना चाहिए। हमने उस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। हमने किसान को आजाद किया है। सरकार के बनाए कानून भारत के कृषि क्षेत्र को संपूर्ण रिफॉर्म की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
एमएसपी पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि भ्रांति फैलाई जा रही है। किसान ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं। हम किसानों के हित में काम करने वाले लोग हैं। 22 जिंस ऐसी हैं, जिनका एमएसपी भारत सरकार निर्धारित करती है। किसी भी जिंस का एमएसपी उसकी लागत प्लस 50 प्रतिशत लाभ से कम नहीं है।
सिंचाई को लेकर बंद प्रोजेक्ट शुरू कराए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी ने कहा था कि कृषि क्षेत्र में सुधार करना है तो सबसे पहले सिंचाई की क्षमता को बढ़ाना पड़ेगा। मोदी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आई। 99 प्रतिशत प्रोजेक्ट ऐसे थे। मैं आज प्रसन्नता के साथ कह सकता हूं कि उसमें से लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा प्रोजेक्ट या तो पूरे हो गए हैं या लगभग पूरे होने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नारा दिया- पर ड्राप-मोर क्राप, हमने किसान को साथ लेकर वाटर मैनेजमेंट पर काम शुरू किया।
स्वामीनाथन रिपोर्ट पर यूपीए ने 10 साल कुछ नहीं किया
शेखावत ने कहा कि अटल जी की सरकार ने स्वामीनाथन के नेतृत्व में नेशनल फॉर्मर्स कमिशन की स्थापना की थी, 2004 से 2006 तक तत्कालीन यूपीए सरकार के समय स्वामीनाथन ने चार सेट अपनी अनुशंषाएं दीं। दुर्भाग्य से 2014 तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। मोदी सरकार बनने के बाद कृषि क्षेत्र के पुनरुद्धार और सुदृढ़ीकरण के लिए स्वामीनाथन कमेटी पर काम हुआ।