नई दिल्ली/जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केरल में गर्भवती मादा हाथी की मौत को मानव जाति को शर्मसार करती घटना करार दिया है। सोशल मीडिया के जरिए सामने आई इस घटना के बाद जीव प्रेमियों का गुस्सा उबाल पर है। उन्होंने ऐसी हिंसा करने वालों को को कानूनी दायरे में लाने की मांग उठाई है।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने भी कहा कि एक भूखी, गर्भवती मादा हाथी को पटाखों से भरा अनानास खिलाने का अमानवीय कृत्य किया गया, जिसकी वजह से हाथी को गंभीर चोटें पहुंची। अंततः मां और गर्भ में शिशु हाथी, दोनों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि एक मूक पशु से किया गया, ऐसा क्रूर व्यवहार चिंतनीय है। हमें सोचने पर मजबूर करता है कि विश्व की सबसे समझदार नस्ल अपनी सूझ-बूझ का प्रयोग आखिर कैसे कर रही है? उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं विस्मित, आहत और शोकाकुल हूं।
बतादें कि केरल के अट्टापडी में कुछ लोगों ने एक गर्भवती हथिनी को पटाखे से भरा अनानास खिला दिया जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के एक सप्ताह बाद भी मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि 15 वर्ष की हथिनी गर्भवती थी। पटाखे से भरा अनानास खाने के बाद हथिनी के निचले जबड़े में विस्फोट हो गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पटाखों में विस्फोट होने से हथिनी का जबड़ा बुरी तरह जख्मी हो गया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार फसलों को बर्बाद करने वाले जंगली सूअरों के लिए पटाखे भरे फल रखे गए थे। कुछ अन्य लोगों का कहना है कि एक स्थानीय व्यक्ति ने जानबूझकर इसे हथिनी को खाने के लिए दिया था।
सूत्रों ने बताया कि जैसे ही हथिनी ने फल का चबाया पटाखा फट गया और उसका मुंह और जीभ बुरी तरह जल गया। इसके बाद हथिनी बिना किसी को नुकसान पहुंचाए पानी की तलाश में सड़कों की तरफ दौड़ी और फिर वेल्लियार नदी में जाकर खड़ी हो गई। हथिनी इतनी तकलीफ में थी कि वह तीन दिन तक पानी में खड़ी रही और फिर वहीं उसने दम तोड़ दिया।
यह दुखद घटना 27 मई की है। यह घटना उस समय सामने आई जब मन्नारकड़ के एक वन अधिकारी मोहनकृष्णन ने सोशल मीडिया पर इस घटना का जिक्र करते हुए एक भावनात्मक पोस्ट किया।