जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जनता की चिंता करने के बजाय सरकार केवल कुर्सी के ऊपर कौन बैठेगा? इसकी चिंता में व्यस्त है।
शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे शेखावत ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मैं राजस्थान के राजनीतिक हालात में टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन इतना अवश्य कहूंगा कि राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के आपसी विग्रह, जो साढ़े तीन-चार साल से चल रहा है, का खामियाजा निश्चित रूप से राज्य की जनता ने भुगता है। पिछले कुछ समय से सरकार का फोकस जनकल्याण और लोककल्याण के कार्यों के बजाय कुर्सियां बचाने, बदलने, कौन कुर्सी पर रहेगा, कौन नहीं रहेगा, इसके ऊपर केंद्रित हो गया है। उसके बाद राजस्थान की जनता त्राहिमाम करने लगी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जिस तरह से प्रदेशभर में अनेक स्थानों पर अतिवृष्टि के कारण नुकसान हुआ है। उसकी गिरदावरी कराने के बजाय सरकार कुर्सी के ऊपर कौन बैठेगा? इसकी चिंता में व्यस्त है। सरकार को तुरंत किसानों को किस तरह से सहायता मिले, किस तरह से फसल बीमा का लाभ मिले, उस दृष्टि से कार्यवाही करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जगह-जगह अपराधी बेलगाम हो गए हैं और जनता तो शिकायत करे ही करे, सरकार के ही चुने हुए जनप्रतिनिधि भी विधानसभा में सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। शेखावत ने कहा कि यह इस बात का परिचायक है कि वर्तमान सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है। पूरी तरह से असफल हो गई है और आज राजस्थान की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
राज्य में ऊहापोह की स्थिति
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलना या न बदलना, ये कांग्रेस पार्टी और उसकी लीडरशिप का विषय है, लेकिन इस राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य में जो ऊहापोह की स्थिति चल रही है, उससे जनता का निश्चित तौर पर नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्थान जिस तरह से हर क्षेत्र में विकास की दौड़ में पिछड़ा है। जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान नीचे के तीन प्रदेशों में एक है। निश्चित रूप से इस असमंजस की स्थिति का नुकसान जनता ने उठाया है।
2024 में माइक्रोस्कोप लगाकर ढूंढनी पड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि अंतर्कलह और कांग्रेस, एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। जी-26, जी-23, न जाने इस तरह के कितने कलह और अंतर्कलहों के चलते कांग्रेस धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो गई है। हांसिए पर चली गई है। सिमटती जा रही है। मुझे लगता कि वर्ष 2024 में माइक्रोस्कोप लगाकर कांग्रेस को ढूंढना पड़ेगा।
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