जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आरएसएस और भाजपा पर की गई टिप्पणी को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया। शेखावत ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के खिलाफ आज तक दंगे भड़काने का कोई प्रमाण नहीं मिला है, जबकि गहलोत सरकार की तुष्टीकरण नीति राजस्थान में दंगों के लिए जिम्मेदार है। कांग्रेस की धार्मिक भेदभाव की सोच और प्रशासन की ढिलाई जिम्मेदार है।
गुरुवार को अपने बयान में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भाजपा-आरएसएस दंगों की राजनीति में विश्वास नहीं करते। भाजपा-आरएसएस के खिलाफ आज तक दंगे भड़काने का कोई प्रमाण नहीं मिला है, जबकि गहलोत सरकार की तुष्टीकरण नीति के चलते पहले करौली में दंगा भड़का, फिर उसके बाद भीलवाड़ा और जोधपुर में दंगे हुए। इस सरकार की तुष्टीकरण नीति के चलते उदयपुर में निर्दोष कैन्हयालाल टेलर का सिर काट दिया गया।
शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार में तुष्टीकरण की हालत यह है कि दंगों की जांच और आरोपियों को पकड़ने में भी धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जाता है। यही कारण है कि इनकी कमजोर पैरवी के चलते जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपी हाईकोर्ट से छूट गए। हद तो यह है कि अपनी तुष्टीकरण नीति को देखने के बजाय मुख्यमंत्री दूसरों पर आरोप लगाते हैं। शेखावत ने कहा कि इससे जनता में आक्रोश है और आगामी चुनाव में यह कांग्रेस की हार के रूप में सामने आएगा।
चुनाव आते ही गोभक्त हो जाते हैं मुख्यमंत्री
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि चुनाव का समय आते ही मुख्यमंत्री गोभक्त हो जाते हैं। गोदान करने का राग अलापते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि राजस्थान में लाखों गायें लंपी से मर गई थीं। उनके उपचार में उनकी सरकार पूरी तरफ विफल साबित हुई। अब सरकार ने मात्र 76 हजार मौतें लंपी से मानी हैं, जबकि इस महामारी में लाखों गायें मारी थीं। गोपालकों को मुआवजा देने का ढोल तो पीटा जा रहा है, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं दिया गया। शेखावत ने कहा कि राज्य में अभी तक 42 हजार दुधारू गायों का ही मुआवजा दिया है, जबकि पशुपालकों को राहत शिविरों में बुलाकर परेशान किया जा रहा है।