जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य में पुलिसकर्मियों के आत्महत्या जैसा कष्टमय कदम उठाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चुप्पी तोड़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार बताए जनता की सुरक्षा के पहरेदारों को किस वजह से इतना मानसिक संताप महसूस हो रहा था कि उन्होंने जीवन पथ के स्थान पर फांसी के फंदे को चुना।
उन्होंने कहा कि गत 23 मई को चूरू में थाना प्रभारी विष्णु दत्त विश्नोई, 29 मई को दौसा में हैड कांस्टेबल गिराज बैरवा और अब जैसलमेर (पोकरण) में कांस्टेबल मायाराम मीणा ने आत्महत्या जैसा कष्टमय कदम उठाया है। पिछले 9 दिनों में तीन पुलिसकर्मियों द्वारा आत्मदाह का समाचार सीधा प्रदेश की कानून व्यवस्था के संचालन से जुड़ा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी है और प्रदेश के गृह मंत्रालय की व्यवस्था के हालात जग जाहिर हैं। पुलिसकर्मियों की खुदकुशी के पीछे दबाव की बात सामने आ रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन से जनता को सुरक्षा का संबल मिलता है। पुलिस के जवान और अधिकारी स्वयं को असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं? इस पर राज्य सरकार को रुख साफ करना पड़ेगा। सिर्फ जांच की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना उचित नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुश्किल के दौर में पुलिसकर्मियों को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। मैं उन परिवारों के साथ खड़ा हूं, जिन्होंने अपनों को खोया है। पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के सवाल पर राजस्थान सरकार के जवाब का इंतजार है।