नई दिल्ली/जयपुर/जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सचिन पायलट को अभी उप मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ के पद से हटाया गया है, लेकिन अभी तो उन्हें कांग्रेस से बाहर करने तक लड़ाई लड़ी जा रही है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ताजा बयान उसका स्पष्ट संकेत है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने गहलोत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जनता सरकार की विदाई के दिन गिन रही है। वो दिन कितने होंगे, ये तो आना वाला समय ही बताएगा।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि समय आने दीजिए, वो भी हो जाएगा। इसमें किसी को कोई अंदेशा नहीं होना चाहिए। लेकिन, प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या के प्रयास हो रहे हैं। एक-एक आवाज को न मानने और विरोध की कीमत चुकानी पड़ रही है। वो हम सब देख रहे हैं।
सचिन ने भी कहा है कि मेरा विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है, मेरा आग्रह सिर्फ इतना है कि जनता से जो हमने वादे किए थे, वो पूरे होने चाहिए। अब उन वादों को याद दिलाने की सजा अगर ऐसी होती है तो विश्वास जनता का भी टूटा है, उनके अंदर के साथियों का भी टूटेगा। कुछ लोग शायद अंदर उस बाड़े में डरे हुए हो सकते हैं, क्योंकि ये विकास की नहीं, बाड़ेबंदी की सरकार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डंडे के जोर से विधायकों को बांधकर रखा गया है। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि इस 21वीं शताब्दी में विधायकों को जबर्दस्ती अगवा करके पुलिस के माध्यम से कैंप में डाला जा रहा है। इससे शर्मनाक शायद कुछ हो नहीं सकता है।
सबूतों को क्यों छिपाकर रखा
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ताजा बयान पर मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ये जानकारी का सूर्य आज ही उदय हुआ या ये सबूत जिनकी चर्चा की जा रही है, ये आज ही बाहर आए हैं। इतने दिन तक उन सबूतों को क्यों छिपाकर रखा गया। कौन-कौन और लोग इसमें लिप्त हैं। किन-किन लोगों के माध्यम से ये किया गया। इस सब की जानकारी आपको पहले से थी तो आपने पहले खुलासा क्यों नहीं किया। ये किसके साथ शेयर किया था, आपको अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।
सचिन के स्वागत का अभिप्राय गलत निकाला
सचिन के भाजपा में स्वागत के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि हमारी विचारधारा के प्लेटफार्म पर कोई भी जनाधार वाला व्यक्ति हमारे साथ जुड़ता है तो हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है। हमारे प्रदेश अध्यक्ष या कोई भी वरिष्ठ नेता ने निश्चित रूप से इसी भाव के साथ ये कहा होगा, लेकिन उसका अभिप्राय ये लेना कि हम बाहें पसार कर स्वागत कर रहे हैं या हम कारपेट बिछाकर आतुर बैठे हैं कि वो हमारे यहां आएं, इस तरह नहीं लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री और प्रदेश प्रभारी के बयान ही अलग-अलग
कांग्रेस में पायलट के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं, के सवाल पर शेखावत ने कहा कि कांग्रेस में दरवाजे बंद कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि सचिन ने आज भी कहा कि मैं कांग्रेस में हूं, कांग्रेस के साथ हूं। मुझे लगता है कि वहां अभी भी विग्रह है, मुख्यमंत्री कुछ और बात कर रहे हैं, प्रदेश के प्रभारी कुछ और बात कर रहे हैं। जब कभी भी इस तरह का विवाद उनके घर में हो तो दोष हमारा, जब कभी भी देश का विवाद पड़ोसी देश से हो तो दोष हमारा, मुझे लगता है कि उन्हें दोष ढूंढने की नीति से बाहर आना चाहिए।
सचिन पायलट से नहीं हुई बातचीत
सचिन से भाजपा के नेताओं की बातचीत से उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि पायलट ने खुद ने स्पष्ट किया है कि किसी से वो संपर्क में नहीं रहे। साथ ही, शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे थे कि वो सरकार में वापस आ सके, उसी के अनुरूप काम कर रहे हैं। इसमें उनका दोष नहीं है। 70 साल में से 55 साल नाना से लेकर दोहिते तक सबने इसी दृष्टिकोण से सरकारें चलाई हैं, जबकि राजनीति हमारे लिए सेवा का माध्यम है।