जयपुर/जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरते हुए कहा कि गहलोत हाथरस की घटना की निंदा करते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन राजस्थान में इस तरह की घटनाओं पर मौन क्यों हैं?
सोमवार को शेखावत ने कहा, पिछले डेढ़ साल में जिस तरह से राजस्थान में महिलाओं के प्रति अत्याचार, बलात्कार, छेड़छाड़, सामूहिक बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं, वो निश्चित रूप से एक राजस्थानी होने के नाते हम सबके लिए शर्म का विषय है, लेकिन कांग्रेस सरकार सोई हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि कांग्रेस के मुखिया हाथरस में हुई घटना के स्थल पर जाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई देते हैं। निश्चित रूप से जहां कहीं ऐसी घटना हो, वो अमानवीय है, नाकाबिले बर्दाश्त है, लेकिन राजस्थान की इस तरह की घटनाओं पर मौन क्यों हैं, ये प्रश्न निश्चित रूप से कांग्रेस के सामने खड़ा है। देश की जनता कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री, जो राष्ट्रीय नेता बनने का सपना देख रहे हैं, से ये प्रश्न पूछे।
शेखावत ने कहा, अभी एनसीआरबी का डाटा आया है, वो चौंकाने वाला और राजस्थान के 8 करोड़ लोगों के लिए शर्म का विषय है। राजस्थान को शांति, सौहार्द, प्रेम और अपनायत की माटी के लिए जाना जाता है। डेढ़ साल के कांग्रेस के कुशासन में देश-दुनिया के सामने सब राजस्थानियों का सिर शर्म से झुका है।
उन्होंने कहा, डेढ़ साल में 4 लाख 35 हजार मुकदमे दर्ज होने के आंकड़े प्रकाशित हुए तो आमजन भी इस बात को मानने लगा है कि राजस्थान में पुलिस का इकबाल मर गया है। थानों से अपराधी छुड़ाए जा रहे हैं। बजरी माफिया बेलगाम है। प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं, जहां बजरी माफिया ने आतंक न मचाया हो। कोई ऐसा जिला नहीं, जहां चोरी, लूटपाट की घटनाओं में वृद्धि नहीं हुई हो।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने लगातार राजस्थान सरकार अपराधों का ग्राफ बढ़ने की चेतावनी दी, लेकिन ये सरकार कुंभकर्ण की नींद सोई है। मुझे लगता है कि पुलिस के इकबाल को बढ़ाना, महिलाओं को सुरक्षा देना, बेटियों में व्याप्त भय को समाप्त करना और अपराधियों पर लगाम लगाना, इस सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। इसे लेकर पूरे राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में संघर्ष का बिगुल बजाया है।
मुख्यमंत्री को चेतावनी
शेखावत ने कहा कि मैं आज कांग्रेस सरकार, उसके मुखिया और राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत को चेतावनी देना चाहता हूं कि इसे ठीक करिए, दुरुस्त करिए, वरना कोरोना समाप्त होने के बाद हम सदन से लेकर सड़क तक हर जगह घेरेंगे, जवाब मांगेंगे और जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।