जयपुर। पुराने बजट की कॉपी पढ़ने को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता का दुर्भाग्य है कि ऐसा व्यक्ति उसका नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे नेता के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है?
अपनी प्रतिक्रिया में शेखावत ने कहा कि राज्य का एक मुखिया, जो अपने घोषित किए जाने वाले बजट का ढिंढोरा पिछले 6 महीने से पीट रहा हो। पिछले 15 दिन से लगातार उस बजट को लेकर कि इस तरह का बजट आने वाला है, आने से पहले उसके विज्ञापन किए जा रहे हों। उस बजट के मूल पाठ में, जिसे मुख्यमंत्री पढ़ने वाले हैं, उसकी जानकारी भी मुख्यमंत्री को न हो और वो पिछले वर्ष का बजट उठाकर पढ़ना शुरू कर दें। ऐसे नेता के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है? राजस्थान की जनता ने उसे देखा भी है और राजस्थान की जनता का दुर्भाग्य है कि ऐसा व्यक्ति उसका नेतृत्व कर रहा है।
शेखावत ने कहा कि विषय केवल इतना ही नहीं है। आप वीडियो में देख सकते हैं, जैसा मैंने टेलीविजन में देखा है कि पीछे से आकर एक साथी कैबिनेट मंत्री मुख्यमंत्री को कान में यह बात कहता है कि आप पिछले साल का बजट पढ़ रहे हैं। मेरा प्रश्न यहां यह है कि जब मुख्यमंत्री को स्वयं पता नहीं कि मैं इस वर्ष का पढ़ रहा हूं या पिछले वर्ष का पढ़ रहा हूं तो कैबिनेट के एक मंत्री को किस प्रकार संज्ञान और भान हुआ कि बजट में पिछले वर्ष का पाठ पढ़ा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका मतलब उन मंत्री कोई जानकारी थी कि इस वर्ष का बजट क्या है? यदि उनको जानकारी थी तो किस तरह से जानकारी थी? और किन-किन लोगों को जानकारी थी? इसका जवाब राजस्थान सरकार उसके मुखिया को देना चाहिए। बजट लीक हुआ है और यदि लीक हुआ है तो उसके दुष्प्रभाव क्या हुए हैं? इसके बारे में भी खुलासा निश्चित रूप से राजस्थान के मुखिया को करना चाहिए।
पेपर लीक के बाद बजट भी लीक
वहीं, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि गजब बे-सुध रहते हैं गहलोत जी, इस साल के बजट का चुनावी प्रचार किया और पढ़ने लगे पुराना बजट। जनता कुशासन से फैले अंधकार में राहत की रोशनी की सोच रही थी, यहां मुख्यमंत्री की बत्ती ही गुल हो गई। समझ नहीं आ रहा, हंसे या रोएं। एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेपर लीक के बाद अब राजस्थान का बजट भी लीक। गहलोत जी एक कॉपी तो अपने पास भी रखते, पुराना नहीं पढ़ना पड़ता। वहीं, राजस्थान के बजट को गहलोत का झांसा बताते हुए शेखावत ने टिप्पणी की कि राजस्थान को गहलोत राज ने अभूतपूर्व शासन दिया है। बलात्कार, डकैती, गुंडई, हिंसा, चोरी और गंभीर गलतियों जैसी उपलब्धियों से भरा अभूतपूर्व शासन।