सीकर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मजहब के नाम पर लोगों को भड़काने का गंभीर आरोप लगाया। शेखावत ने कहा कि राजस्थान के मुखिया खुद इस आग को लगाने के दोषी हैं।
नागरिकता संशोधन कानून पर उन्होंने खुद आधारविहीन तथ्यों के आधार पर लोगों को भड़काने का काम किया है। खुद झूठ को लेकर लोगों के बीच पैदल चलकर गए। विधानसभा में जिस तरह से इसके विरुद्ध प्रस्ताव पारित करने का नाटक किया गया, वह संवैधानिक मूल्यों को तार-तार करने और संविधान को धता बताने वाला है। यह इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज होगा।
दिल्ली पुलिस के शहीद हेड कांस्टेबिल रतन लाल के परिजनों से तिहावली में मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली में ये परिस्थिति उत्पन्न हुई, कौन लोग इसके जिम्मेदार थे। किन लोगों की आकांक्षाएं समाज को मजहब के नाम पर बांटने का काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि विकास को हम भुला सकते हैं। अत्याचारों को भी एक बार किनारे रख सकते हैं, लेकिन जिस तरह से मजहब के नाम पर आधारविहीन बातें करके देश को बांटने और लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास राजस्थान के मुखिया और उनकी पार्टी के नेताओं ने किया है, वह यह अक्षम्य अपराध है। आने वाला भविष्य इन्हें इसके लिए कभी माफ नहीं करेगा।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को आर्थिक महाशक्ति के रूप में खड़ा कर रहे हैं, दूसरी तरह ऐसे लोग हैं, जिनको लोकतंत्र की परीक्षा में आमजन ने नकार दिया है। न केवल नकार दिया, बल्कि बुरी तरह समाप्ति के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है, वो समाज को अंग्रेजियत की मानसिकता के साथ मजहब के आधार पर बांटते हुए फिर से अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को तलाश रहे हैं। इससे गलत इस देश और लोकतंत्र के लिए कुछ नहीं हो सकता है।
अपराध रोकने के बजाय वर्दी बदलने की तैयारी
शेखावत ने कहा कि राजस्थान में जिस तरह के हालत बने हैं। कानून-व्यवस्था के जिम्मेदार मुख्यमंत्री स्वयं और गृह मंत्री के नाते भी खुद हैं। राजस्थान महिलाओं के प्रति अत्याचार और अपराध की राजधानी के रूप में उभरा है। राजस्थान में दलितों के प्रति जिस तरह बर्बर अत्याचार हुए हैं, जिस तरह से पुलिस व्यवस्था फेल हुई है। अपराधियों के हौसले बढ़े हैं और आमजन खुद को हताश और दुखी महसूस कर रहा है।
राजस्थान आर्थिक अपराधों की राजधानी बनता जा रहा है और मुख्यमंत्री पुलिस की छवि को सुधारने के लिए उसकी वर्दी बदलने की तैयारी कर रहे हैं। कशीदे से नाम लिखा जाएगा, बड़ी साइज की जेबें की जाएंगी, जिस तरह के समाचार आ रहे हैं, जेबें बड़ी क्यों कर रहे हैं, ये प्रश्न उनसे पूछा जाए।
गहलोत सरकार पर 3 बड़े आरोप
1, गहलोत सरकार ने केंद्र की योजनाओं को अपना नाम देकर नए कलेवर के साथ प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत के माध्यम से गरीबों को पांच लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा दी है, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि हम आयुष्मान महात्मा गांधी मुख्यमंत्री इलाज योजना से लोगों को 5 लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा देंगे। आखिर किस राजनीतिक खेल के तहत इस योजना को 15 महीने तक लटकाए रखा।
2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6 हजार रुपए साल के मिले। राजस्थान में आज वो योजना लागू हो रही है, लेकिन किसानों के परिवारों की तरफ से मैं प्रश्न करना चाहता हूं कि एक साल तक आपने इसे क्यों लटकाए रखा। आपने किसानों से वादा किया था कि बिजली का पैसा नहीं बढ़ाएंगे, लेकिन बेतहाशा पैसा बढ़ा दिया। 100 प्रतिशत किसानों का कर्ज माफ कर देंगे का वादा राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सभी कांग्रेसी नेता ने किया था, लेकिन आज राजस्थान का किसान खून के आंसू रो रहा है।
3. आपने बेरोजगार युवाओं से 3500 रुपए भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन मुझे तो ढूंढने से भी ऐसे युवा नजर नहीं आ रहे हैं।