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Jalore constutuency: congress start to reassemble its family - Sabguru News
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जालोर-सिरेाही लोकसभा: चुनाव से पहले कांग्रेस ने जोडऩा शुरू किया कुनबा

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जालोर-सिरेाही लोकसभा: चुनाव से पहले कांग्रेस ने जोडऩा शुरू किया कुनबा
सिरोही जिले में नवनियुक्त शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जितेन्द्र ऐरन और शिवगंज कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वजिंगराम घांची।

 

सिरोही जिले में नवनियुक्त शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जितेन्द्र ऐरन और शिवगंज कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वजिंगराम घांची।
सिरोही जिले में नवनियुक्त शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जितेन्द्र ऐरन और शिवगंज कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वजिंगराम घांची।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान बिखर चुके अपने कुनबे को फिर से जोडऩा शुरू कर दिया। इस कड़ी में जहां पहले सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को सहयोगी सदस्य बनाया तो अब विधानसभा चुनावों में उनका साथ देने के कारण निष्कासित किए गए सिरोही के उनके गुट के नेताओं का निष्कासन रद्द कर दिया गया है।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव महेश शर्मा ने बुधवार को आदेश जारी कर बताया जालोर लोकसभा प्रत्याशी रतन देवासी की अनुशंसा पर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने जिले में निष्कासित 11 जनों का निष्कासन रद्द करके उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया है।

जिन लोगों का निष्कासन रद्द हुआ है उनमें शिवगंज ग्रामीण के पूर्व निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष हरीश मेघवाल, सिरोही ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष किशोर पुरोहित, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमलता शर्मा, सिरोही के नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी, पार्षद जितेन्द्र सिंघी, पार्षद मारूफ हुसैन शिवगंज नगर के पूर्व अध्यक्ष वजिंगराम घांची, शिवगंज के पार्षद अब्बास अली, शिवगंज पंचायत समिति के उपप्रधान मोटाराम देवासी, आबूरोड नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अश्विन गर्ग तथा आबूरोड नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष नरगिस कायमखानी शामिल हैं।

इन्हें विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के बागी संयम लोढ़ा का समर्थन करने और अधिकृत प्रत्याशी जीवाराम आर्य के प्रति अकर्मण्य रहने के कारण राजेन्द्र सांखला की संस्तुति पर निष्कासित किया गया था। इसके बाद सिरोही में आयोजित सभा में सांखला ने इस बात का भी दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें साफ तौर पर सिरोही के लिए संदेश भेजा है कि कांग्रेस के बागी और निष्कासितों की पार्टी और सरकार में वापसी नहीं होगी। सांखला के दावे के इतर लोढ़ा न सिर्फ कांग्रेस की राजस्थान सरकार के सहयोगी सदस्य हुए बल्कि उनके गुट के निष्कासित 11 कांग्रेसियों की भी घर वापसी हो गई।
-नियुक्त किए नए ब्लॉक अध्यक्ष
सिरोही विधानसभा क्षेत्र के दो ब्लॉकों के लिए नए ब्लॉक अध्यक्षों की भी नियुक्ति कर दी गई है। निष्कासन रद्द होने के साथ ही वजिंगराम घांची को फिर से शिवगंज शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि सिरोही शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर जितेन्द्र ऐरन को नियुक्त किया गया है।
-अब आगे क्या?
अगर निष्कासन रद्द करके लोढ़ा गुट को सिरोही विधानसभा क्षेत्र में फिर से सक्रिय करने के कांग्रेस के निर्णय को मास्टर स्ट्रोक कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। दरअसल, जिस तरह से कांग्रेस के सिम्बल के बिना संयम लोढ़ा ने अपने समर्थकों के सहयोग से जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभाओं में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी जीत दर्ज की है वो उनके सांगठनिक कौशल को दिखाती है।

आठ में से कांग्रेस सात सीटों पर हारी। सिरोही की तो तीनों ही सीटों पर कांग्रेस मुंह के बल गिरी। ऐसे में भाजपा के कोर वोट बैंक देवासी समाज के व्यक्ति को जालोर लोकसभा से टिकिट देने के बाद लोढ़ा गुट को फिर से सक्रिय करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तरह से कांग्रेस को 2009 से जालोर-सिरोही लोकसभा के चुनावों में बिखरी रहने वाली कांग्रेस को एकजुट करने का कदम उठाया है।

अपने समर्थकों के निष्कासन रद्द होने और फिर से उन्हें सिरोही विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किए बिना वह भी सिरोही जिले में कुछ खास सक्रिय नहीं थे। अपने समर्थकों का निष्कासन रद्द होने के बाद उनका सिरोही में फिर से कांग्रेस के समर्थन में सक्रिय होने की संभावनाएं बनी हैं।