सबगुरु न्यूज-सिरोही। जालोर-सिरोही के सांसद देवजी पटेल रविवार को सेल्फ कोरेंटाइन से बाहर आ गए हैं। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित भी सेल्फ सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं।
सांसद देवजी पटेल ने सबगुरु न्यूज को बताया कि वह संसद सत्र के दौरान दुष्यंत सिंह के संपर्क में आ गए थे। तब से अब तक वह सेल्फ कोरेंटाइन थे। आज ही सेल्फ् कोरेंटाइन पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि दुष्यंतसिंह के कनिका कपूर की मौजूदगी वाली पार्टी में मौजूदगी के बाद जितने भी लोग उनके संपर्क में आए थे। वे सेल्फ कोरेंटाइन हो गए। उन्होंने सिरोही के हालात भी जाने और बताया कि फिलहाल जालोर में भी स्थिति संतोष देने वाली है। उन्होंने बताया कि प्रशासन से अनुमति मिलते ही बाय रोड वे दिल्ली से सिरोही आएंगे।
वैसे कनिका कपूर के कोविड पॉजिटिव से संक्रमित होने की रिपोर्ट आते दुष्यंत सिंह समेत उस पार्टी में मौजूद अधिकांश नेताओं का टेस्ट किया गया था। दुष्यंत सिंह की भी रिपोर्ट मामले के।खुलासे के शाम तक आ गई थी। जो नेगेटिव थी। फिर भी एहतियातन सांसद सेल्फ कोरेनटाइन रहे।
इधर, भाजपा के जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित भी आत्म अनुशासन रखते हुए प्रधानमंत्री के आह्वान पर सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना में हैं। उन्होंने बताया कि वह लॉक डाउन की पालना करते हुए बाहर नहीं निकल रहे, लेकिन जब कभी निकलना भी हो रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना कर रहे हैं।
लेकिन, इन दोनों नेताओं के मातहतों ने फोटो फ्रेम में आने के लिए आबूरोड शहर में जो सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन की भद पीटी वह अब पार्टी के प्लेटफॉर्म पर ही निंदा का कारण बन गई है। आबूरोड शहर में लोगों को भोजन किट वितरण करना हो या अनाज किट प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक आदि के आह्वान की भद पीटने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि लगातार सोशल मीडिया पर डाली जा रही इन फोटोज में आबूरोड शहर के ही अधिकांश भाजपा नेता दिख रहे हैं जबकि शेष जिले में भाजपा के ही प्रतिनिधियों में इस तरह की अवहेलना कुछ कम ही दिख रही है।
दरअसल, लॉकडाउन के बाद ही आबूरोड नगर पालिका के चुनाव भी हैं और आबूरोड में ही गुजरात के बॉर्डर से लोगों की आवजाही भी हुई थी। वैसे बॉर्डर मंडार में भी है, लेकिन वहां पर इस तरह की अवहेलना कुछ कम ही दिखी। कल पीएम केयर्स में पेमेंट डालने के दौरान जो अवहेलना हुई वह तो प्रधानमंत्री ही नहीं पार्टी की गाइडलाइन के भी अवहेलना ही है।
दरअसल, नेताओं की अभी मजबूरी यह है कि फोटो की फ्रेम सीमित दूरी की है। यदि सोशल डिस्टेंसिंग की ढंग से पालना करें तो फ्रेम में तीन से ज्यादा नेता आ नहीं सकेंगे। वहीं डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए सभी चेहरों को फ्रेम में लेने की कोशिश करें तो इन नेताओं के चेहरे इतने छोटे हो जाएं कि श्रेय लेने की होड़ में पीछे रह जाएं।
इनका कहना है…
हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं। मैने वैसे ऐसे कोई फोटो देखे नहीं है, लेकिन मैं सभी से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना को लेकर फिर बात करूंगा। आबूरोड में बॉर्डर होने के कारण उत्साह ज्यादा है संभवत: इसलिए जरूरतमंदों की मदद में यह ध्यान नहीं रहा हो। ये हरकत कांग्रेस का कोई नेता करते दिखे तो फिर भी ये कहकर दिल बहलाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री के कॉल का विरोध इनकी प्रवृत्ति है, लेकिन खुद भाजपा नेताओं की यह अवहेलना क्या मानकर नजरअंदाज की जाए यह समझ से परे है।
नारायण पुरोहित
जिलाध्यक्ष, भाजपा सिरोही।