सबुगुरु न्यूज-सिरोही। जालोर लोकसभा क्षेत्र में 2009 और 2014 में भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल विजयी हुए थे। पिछली बार कांग्रेस ने चौधरी समाज की ही संध्या चौधरी को 2009 में तथा उदयलाल आंजणा को 2014 में अपना प्रत्याशी बनाया था।
दोनों ही बार जालोर से सांसद रह चुके कांग्रेस की सरकार के पूर्व गृहमंत्री और सांसद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां पर चुनाव लड़े। इससे यहां का मुकाबला त्रिकोणीय था। इस बार भाजपा और कांग्रेस का आमना सामने मुकाबला है।
-यह था 2009 का परिणाम
इस साल जालोर लोकसभा क्षेत्र से 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। कुल 15 लाख 20 हजार 957 मतदाता पूरी लोकसभा में पंजीकृत थे। इनमें से पांच लाख 77 हजार 677 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
कुल 37.98 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल को एक लाख 94 हजार 405 मत मिले। वहीं कांग्रेस के बागी बूटासिंह को एक लाख 44 हजार 568 तथा कांग्रेस प्रत्याशी संध्या चौधरी को एक लाख 13 हजार 314 मत मिले।
आंकड़ों को देखें तो कांग्रेस के बागी खड़े नहीं होते तो 2009 में यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती थी, लेकिन भीतरघात ने नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा आठ प्रत्याशी ऐसे भी थे, जिन्होंने दस हजार से ज्यादा वोट लिए।
आहोर, जालोर और भीनमाल विधानसभा क्षेत्र में बूटासिंह, सांचौर, रानीवाड़ा, सिरोही, पिण्डवाड़ा-आबू और रेवदर विधानसभा क्षेत्र में बूटासिंह ने आगे रहे थे। एक देखने योगय बात यह थी कि पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी
-2014 में मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि
जालोर लोकसभा क्षेत्र में 2014 में मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई। कांग्रेस की जबरदस्त एंटी इंकम्बेंसी के कारण मतदाता घरों से बाहर निकले और जालोर लोकसभा सीट पर 59.62 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
18 लाख 24 हजार 968 पंजीकृत मतदाताओं में से 10 लाख 88 हजार 45 मतदाताओं ने मतदान किया। कुल 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें से मोदी लहर और कांग्रेस की एंटी इंकम्बेसी में देवजी पटेल को पांच लाख 80 हजार 508 मत प्राप्त हुए।
वो कांग्रेस प्रत्याशी से 3 लाख 81 हजार 145 वोटों से जीते। जो कुल वेलिड मतों का 53.39 प्रतिशत था। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी उदयलाल आंजणा एक लाख 99 हजार 363 तथा कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार बूटासिंह को एक लाख 75 हजार 344 मत मिले थे।
इस बार देवजी पटेल के मत कांग्रेस और कांग्रेस के निर्दलीय प्रत्याशी बूटासिंह के मतों को मिलाने पर भी दो लाख 5 हजार 801 मत ज्यादा थे। भाजपा को पचास प्रतिशत से भी ज्यादा मत मिले थे। भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल ने आठों विधानसभाओं में जबरदस्त लीड हासिल की थी।
-विधानसभा चुनाव 2018 में रही यह स्थिति
हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र की आठ में से छह सीटें bjp ने जीती थी। सिरोही विधानसभा की सीट कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा के खाते में आई, ऐसे में कांग्रेस को मात्र सांचौर विधानसभा सीटों से ही समझौता करना पड़ा।
इस चुनाव में भाजपा के आठ प्रत्याशियों को जहां छह लाख 24 हजार 805 वोट वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों को 4 लाख 73 हजार 449 मत मिले। ऐसे में लोकसभा क्षेत्र में दिसम्बर 2018 में भाजपा को कांग्रेस से एक लाख 51 हजार 306 मत ज्यादा मिले।
इसमें कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा के 81 हजार 272, सांचौर से भाजपा के बागी जीवाराम चौधरी के 49 हजार 693 तथा आहोर से बसपा प्रत्याशी के 22 हजार 808 वोटों का गुणा भाग करें तो भाजपा और कांग्रेस के वोटों का अंतर करीब सवा लाख के आसपास आ जाता है। जो 2014 के लोकसभा चुनावों के तीन लाख 81 हजार 145 वोटों के अंतर से करीब ढाई लाख वोट कम है।
कांग्रेस ने इस बार भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले देवासी समाज के प्रत्याशी को वोट देकर भाजपा के वोटबैंक में बड़ी सेंधमारी की कोशिश की है। इसका परिणाम क्या होगा इसी का निर्णय 29 अप्रेल को सुबह से लेकर शाम तक आठों विधानसभाओं पर मतदाता तय कर देंगे।