स्कॉटहोम। चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अमरीका के जेम्स पी एलिसन और जापान के तोसुकु होंजो को वर्ष 2018 के मेडिसिन के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की सोमवार को घोषणा की गई। इस वर्ष के दिए जाने वाले नोबल पुरस्करों की यह पहली घोषणा है।
एलिसन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्साॅस और होंजो जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं। दोनों वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज में नई पद्धति इजाद की है जो इलाज के दौरान रोगी की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ने वाले विपरीत असर से रोकने से संबंधित है। उन्हें स्वीडन के कारोलिन्सका इंस्टीट्यूट ने बयान जारी करके बताया कि दाेनों को 90 लाख क्रोना (10 लाख डॉलर) दिए पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे।
एलिसन का जन्म सात अगस्त 1948 को अमरीका के टेक्सास में हुआ था। उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक ‘कैंसर इम्यूनोथेरेपी’ है। उन्होंने उस प्रोटीन पर अध्ययन किसा है जो मानव रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म करने में मुख्य कारक की भूमिका में है।
उन्होंने इम्यून सिस्टम के नेगेटिव सेल्स को खत्म करके कैंसर के ट्यूमर को खत्म करने के विभिन्न तरीकों पर काम किया और एक नई उपचार पद्धति ईजाद की है। यह कैंसर के खिलाफ नायाब पद्धति है और इससे कैंसर के रोगियों में नई उम्मीद जगी है।
होंजो का जन्म 27 जनवरी 1942 को हुआ था। उन्होंने इम्यून सेल्सस में एक प्रोटीन का पता लगाया और गहरे अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि यह प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करने की दिशा में सक्रिय है। उनकी इस खोज को कैंसर के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नोबल पुरस्कार राशि 90 लाख क्रोना यानी 10 लाख डॉलर में एलिसन और होंजो को पांच-पांच लाख डॉलर मिलेगी।
सबसे पहले मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार की घोषणा हाेती है। मंगलवार को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिक बुधवार को रसायन और शुक्रवार को नोबेल के शांति पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। इस साल विवादों के कारण साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
स्वीडेन के वैज्ञानिक एवं डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल के नाम पर नोबल पुरस्कार की वर्ष 1895 में शुरूआत हुई थी। अमरीका को सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार मिले हैं और इसके बाद जर्मनी, ब्रिटेन एवं फ्रांस हैं। पाकिस्तान की मलाला युसूफजई नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र वाली विजेता हैं।