जम्मू। सेना की वर्दी में आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने शनिवार तड़के यहां एक सैन्य शिविर पर धावा बोल दिया। इस हमले में दो सैनिक शहीद हो गए और महिलाओं, बच्चों सहित नौ अन्य लोग घायल हो गए।
आतंकियों ने फैमिली क्वार्टर में घुसकर सो रहे लोगों पर गोलीबारी की, और गोले फेंके। शहीदों में सेना का एक जूनियर कमीशंड अधिकारी भी शामिल है। खबर लिखे जाने तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, जबकि अन्य अभी भी छिपे हुए हैं।
शहीद जवानों की पहचान जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) मदन लाल चौधरी और गैर कमीशंड अधिकारी (एनसीओ) अशरफ अली के रूप में हुई है। दोनों जम्मू एवं कश्मीर से ही थे।
घायल नौ लोगों में पांच महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इसमें शहीद जेसीओ की बेटी भी है, जो स्कूल की छुट्टियां बिताने पिता के पास आई थी। घायलों में दो की हालत गंभीर है।
रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सुंजवान में जारी अभियान के हिस्से के रूप में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है। आतंकी सेना की वर्दी में थे और एके-56 राइफलों, ढेर सारे गोला-बारूद और हथगोलों से लैस थे।
बयान में कहा गया है कि उनके सामानों से इस बात की पुष्टि हुई है कि वे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। घरों में मौजूद निहत्थे सैनिकों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अभियान को अत्यंत सावधानी और संयम के साथ चलाया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि परिसर के 150 घरों में से अधिकांश को खाली करा लिया गया है और उसके निवासियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बयान में कहा गया है कि सभी आतंकियों के मारे जाने या गिरफ्तार किए जाने तक अभियान जारी रहेगा। आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद होने के अलावा उनके पास से जेईएम के झंडे भी बरामद हुए हैं।
रक्षा सूत्रों के अनुसार जम्मू शहर से लगे सुंजवान सैन्य शिविर के सैनिकों ने शनिवार तड़के 4.45 बजे संदिग्ध लोगों को आते हुए देखा और उन्होंने संदिग्ध आतंकियों को ललकारा। लेकिन आतंकियों ने हथगोला फेंका और गोलीबारी शुरू कर दी।
सेना के बयान के अनुसार घटना की सूचना मिलते ही त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और घरों में घुसे आतंकवादियों को अलग-थलग कर दिया। क्वार्टरों में महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी की वजह से, कम से कम क्षति पहुंचाने के लिए अभियान काफी सतर्कता से आगे बढ़ाया गया।
सूत्रों का कहना है कि जूनियर कमीशंड अधिकारियों की आवासीय इमारत में आतंकवादियों के सफाए के लिए हर कमरे की तलाशी ली जा रही है।
इससे पहले खुफिया रपटों में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की पांचवीं बरसी पर हमले की साजिश रच रहे थे। अफजल गुरु को नौ फरवरी, 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। छिपे हुए आतंकवादियों के सफाए के लिए उधमपुर में सेना के उत्तरी कमान के मुख्यालय से सेना के पैराकमांडर्स को लाया गया।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद से बात की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि सुरक्षाबल अपना काम कर रहे हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। वे हमें कभी निराश नहीं करेंगे।
सैन्य शिविर के आधा किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी शिक्षण संस्थानों को दिनभर के लिए बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस हमले पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि आज सुंजवान में हुए आतंकवादी हमले से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निदा करते हुए कहा कि जम्मू और सुंजवान में मुठभेड़ की खबर बेहद परेशान करने वाली है। हमारे सुरक्षाबलों और उनके परिवार वालों को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना इस मुठभेड़ के खत्म होने की उम्मीद है।