श्रीनगर। पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से शह प्राप्त आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने के प्रयासों को विफल करने का दावा करते हुए सेना ने शुक्रवार को कहा कि बालटाल और पहलगाम यात्रा मार्ग पर भारी मात्रा में पाकिस्तान निर्मित हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना ने कश्मीर घाटी की शांति में बाधा डालने का दुस्साहस किया है, लेकिन सुरक्षा बल सभी स्तरों पर ऐसी गतिविधियों को नाकाम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से हमें ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि पाकिस्तान और उसकी सेना से शह प्राप्त आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के प्रयास में लगे हैं। खुफिया अधिकारियों ने भी इन सूचनाओं की पुष्टि की है, जिसके आधार पर पवित्र अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग पर तलाश अभियान चलाया गया।
उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्गों पर संयुक्त तलाश अभियान छेड़ा था। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान हमें बड़ी सफलता मिली। हमने कुछ शक्तिशाली विस्फोटक अब तक बरामद किया है, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्गों पर हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा भी बरामद किया गया।
लेफ्टिनेंट ढिल्लन ने कहा कि अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के बारूदी सुरंग और स्निफर राइफल भी बरामद की गई है। इन बारूदी सुरंगों पर पाकिस्तानी फैक्टरी के निशान हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर में आतंकवाद में संलिप्त है। उन्हाेंने कहा कि इसे सहन नहीं किया जाएगा और सभी मोर्चे पर इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। एक प्रश्न के उत्तर में लेफ्टिनेंट ढिल्लन ने किसी प्रकार की सुरक्षा खामियों से इन्कार किया है।
कश्मीर में सेना को अलर्ट करने पर उमर ने उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में वायु सेना तथा थल सेना को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इसका संबंध 35 ए अथवा परिसीमन से नहीं है, बल्कि इसकी कोई और बड़ी वजह हो सकती है।
उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा कि कश्मीर में क्या हो रहा है कि थल सेना तथा वायु सेना को अलर्ट पर रखना जरुरी हो गया है। इसका संबंध अनुच्छेद 35 ए या परिसीमन से नहीं है। इसकी कोई और बड़ी वजह हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को घाटी में 28,000 अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसले के साथ ही केंद्र सरकार के सेना और वायु सेना को अलर्ट पर रहने का निर्देश देने की सूचनाएं हैं।