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jan akrosh rally in lucknow by shivpal singh yadav-भाजपा के नफरत फैलाने के मंसूबों को नहीं होने देंगे सफल : शिवपाल - Sabguru News
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भाजपा के नफरत फैलाने के मंसूबों को नहीं होने देंगे सफल : शिवपाल

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भाजपा के नफरत फैलाने के मंसूबों को नहीं होने देंगे सफल : शिवपाल

लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के खिलाफ शंखनाद करते हुये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को कहा कि सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली केन्द्र और राज्य सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में उत्साह से लबरेज यादव ने रमाबाई अंबेडकर मैदान पर आयोजित ‘जनाक्रोश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, नफरत फ़ैलाने का धंधा फलने फूलने लगा है।

सांप्रदायिक शक्तियां एक दूसरे को लड़ाने में लग गई हैं, पूरे देश में भय का माहौल बनाया जा रहा है, कहीं भीड़ को भड़का कर गो हत्या के नाम पर किसी की हत्या कर दी जा रही है तो कहीं किसी धर्म विशेष के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।

उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी समाज को जाति और साम्प्रदायिक खांचों में बाँटने के बाद भगवानों को भी जाति में बाँटने का काम कर रही है लेकिन जनता अब इनके जाल में फंसने वाली नहीं है। समाज को बांटने वालों को अबकी बार सबक सिखाने का मन जनता ने बना लिया है।

शिवपाल ने कहा कि मुझे डर है कि अयोध्या के बहाने देश को साम्प्रदायिक आग में झोका जा सकता है क्योंकि पूर्व में भी ऐसा हो चुका है जब ऐसी ही परिस्थितियों में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देने के बावजूद सरकार उसका पालन नहीं कर सकी थी और देश दंगों की आग में जल उठा था। अयोध्या में आज स्थानीय लोगों में कोई आपसी साम्प्रदायिक विवाद नहीं हुआ। ऐसे में अयोध्या शांतिपूर्ण यथास्थिति सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

प्रसपा नेता ने कहा कि पार्टी का मानना है कि किसी भी कीमत पर विवादित भूमि पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए और न्यायालय के फैसले का इंतजार होना चाहिए।

शिवपाल ने कहा कि सरकार नौकरियां नहीं दे पा रही है और शिक्षकों, आंगनवाडी महिलाओं को लाठियों से पीटा जा रहा है। दूसरी ओर प्रदेश में निजी निवेश भी कानून व्यवस्था एवं मूलभूत आधार रचना के आभाव में नहीं आ पा रहा है। इस कारण युवाओं को नौकरिया नहीं मिल पा रही है। प्रदेश विकास की दर में भी गिरावट आ रही है। सरकारी कर्मचारियों के हितों पर भी डाका डाला जा रहा है। हमारी मांग है कि पुरानी पेंशन की बहाली की जाए एवं 15-20 वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कर्मियों का समायोजन किया जाए।

सपा से अलग होने की वजह बताते हुए शिवपाल ने कहा कि पुरानी पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी थी एवं लाखों प्रतिबद्ध मेहनती समाजवादी कार्यकर्ताओं को कुछ चाटुकारों, अवसरवादी एवं आधारहीन नेताओं के एवज में अपमानित एवं उपेक्षित किया गया।

जमीनी स्तर पर अन्याय, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता के विरुद्ध संघर्ष नहीं हो रहा था एवं हमारी पुरानी पार्टी सोशल मीडिया पार्टी बनकर रह गई थी। अपनी मूल विचारधारा एवं सिद्धांतों से भटकी पार्टी में रहकर सिद्धांतों से समझौता करना अब संभव नहीं था।

उन्होने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। प्रदेश में गुंडाराज, जंगलराज व्याप्त है। पुलिस निर्दोष लोगों के एनकाउंटर में व्यस्त है।

लखनऊ में पुलिस द्वारा मर्डर, बुलंदशहर की हिंसा,नोएडा में पुलिस द्वारा निर्दोष जितेन्द्र यादव को गोली मार देना, यह सब दर्शाता है कि कानून व्यवस्था का क्या हाल है। पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं है एवं तथाकथित गोरक्षाको द्वारा आतंक फैलाया जा रहा है ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार के लिए इंसानों से आधिक महत्वपूर्ण गोवंश हो गया है।