अजमेर। जो व्यापारी कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करने वालों विरुद्ध कार्यवाही करने में असफल रहने पर नियमों का पालन करने वालों की दुकाने भी बंद करवाकर लोकतंत्र में अन्यायपूर्ण कार्यवाही की जा रही है। श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सौंपे गए ज्ञापन में यह आरोप लगाया।
व्यापारिक महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र बंसल, उपाध्यक्ष अशोक दुल्हानी मामा, ओम प्रकाश टांक, सागर मीणा, महासचिव रमेश लालवानी, प्रदीप कुमार अग्रवाल, रवि आडवानी, कमलेश हेमनानी, देवेन्द्र जादम, चितलेश बंसल तथा अन्य ने महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र बंसल और रमेश लालवानी के नेतृत्व में कलक्टर राजपुरोहित को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि शराब की दुकानें देर रात्रि तक खोली जाती है। जबकि अन्य व्यापारी वर्ग को परेशान किया जाता है।
महासंघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की है कि पूर्व की गाइडलाइन के अनुसार सबके साथ एक समान और न्यायपूर्ण कार्यवाही की जानी चाहिए। पिछले साल से लगे लाॅकडाउन से कर्जे में फंसे व्यापारी वर्तमान में भी दुकान किराया, मकान किराया, बिजली बिल, स्कूल फीस, लोन की किस्त सहित अन्य से आज तक उबर नहीं पाए हैं ऐसे में साधारण एवं छोटे व्यापारी का दुकान बंद करवाने से उसके परिवार पर संकट के बादल छा गए हैं।
ऐसे में जो लोग कोविड -19 के नियमों का पालन नहीं करते केवल उनके विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन निर्दोषों को सजा नही मिलनी चाहिए। महासंघ के मुख्य संरक्षक कालीचरणदास खण्डेलवाल, अध्यक्ष मोहन लाल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र बंसल, अशोक दुल्हानी मामा, मानमल गोयल, देवकिशन आडवानी, गोविन्द लालवानी, हरीश अगनानी, नीरज नन्दा, किशोर टेकवानी, भागचन्द दौलतानी, किशोर विधानी, रणवीर सैनी, घनश्याम पचोली, श्रीचन्द रामानी, दिनेश यादव आदि ने केवल दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
लॉकडाउन गाइडलाइन का व्यापार महासंघ ने किया विरोध
कोरोना महामारी से बचाव के लिए राज्य सरकार की ओर से लगाई गई लॉकडाउन गाइडलाइन के खिलाफ शहर व्यापार महासंघ ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
अजमेर शहर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता ने कहा कि किराना, दूध डेयरी, फल मंडी, सब्जी मंडी, धान मंडी, बड़े बड़े औद्योगिक इकाई, खान फैक्ट्रियां, रेस्टोरेंट, मिठाई, बेकरी, तंबाकू व शराब की दुकान खुली रहेंगी व इसके अलावा सब बंद रहेगा जो कतई न्याय संगत नहीं है।
अजमेर शहर व्यापार महासंघ के प्रवक्ता सीए विकास अग्रवाल व कमल गंगवाल ने राज्य सरकार से पूछा कि वह बताएं कि किस नीति से उक्त योजना बनाई है। पिछले साल के लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक हानि से व्यापारी वर्ग उबरा नहीं है, दोगलापन वाली नीति जैसा लॉकडाउन करके सिर्फ चुनिंदा दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है। इससे व्यापारियों में रोष और असमंजस की स्थिति है कि बंद में शामिल चुनिंदा दुकानदार ही दुकान में बैठ कर कोरोना वायरस बेच रहे थे क्या?
महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता ने बताया इस संबंध में महासंघ के सभी पदाधिकारियों ने कलक्टर को लॉकडाउन गाइडलाइन के विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री से लॉकडाउन की गाइडलाइन में फेरबदल की गई है। व्यापारियों को लंबे लॉकडाउन से मुक्त करें व सभी व्यापारियों के साथ एक समान नीति अपनाई जाए क्योंकि भेदभाव करने से विरोध करने की भावना उत्पन्न होती है।
महासंघ की वर्चुअल बैठक में किशन गुप्ता, भगवान् चंदीराम, अशोक बिंदल, नरेंद्र सिंह छाबड़ा, प्रवीण जैन, कमल गंगवाल, सीए विकास अग्रवाल, विवेक जैन, शैलेन्द्र अग्रवाल, राकेश डीडवानिया, सुरेश चारभुजा, अनीश मोयल, गिरीश लालवानी, अशोक छाजेड़, बालेश गोहिल, हेमंत जैन, राजकुमार गर्ग, दिलीप टोपीवाला सहित कई व्यापारी मौजूद थे।