टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने के फैसले की जानकारी दी।
आबे ने अपने फैसले की जानकारी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को दे दी है। इस फैसले के बाद आबे और एलडीपी के अधिकारियों ने पार्टी मुख्यालय में एक बैठक कर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।
यह दूसरी बार है जब आबे स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा देंगे। इससे पहले वर्ष 2007 में भी उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2012 के चुनाव में आबे भारी बहुमत के साथ पुन: सत्ता में लौटे थे।
जापान की सरकारी समाचार एजेंसी एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्षीय आबे ने कहा कि अगर में अपने देश के लोगों के लिए बेहतर फैसले नहीं ले सकता तो मैं प्रधानमंत्री नहीं हो सकता हूं। इसी वजह से मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
आबे काफी समय से आंतों की बीमारी ‘अल्सरेटिव कोलाइटिस’ से पीड़ित हैं और इस सप्ताह के दौरान दो बार अस्पताल में भर्ती भी हो चुके हैं। यह बड़ी आंत की एक गंभीर बीमारी है, जिससे आबे किशोरावस्था से ही जूझ रहे हैं।
इस बीमारी में बड़ी आंत की अंदरूनी परत में सूजन और जलन हो जाती है जिससे कई छोटे-छोटे छाले बनने लगते हैं। उन छालों और सूजन के कारण पेट-संबंधी परेशानियां होने लगती हैं जो पाचन तंत्र पर बुरा असर डालती हैं। इससे आंतों और मलाशय का कैंसर होने की आशंका भी होती है।
आबे का कार्यकाल सितंबर 2021 में समाप्त होने वाला था। आबे के नाम सबसे लंबे समय तक जापान का प्रधानमंत्री रहने का भी रिकार्ड है। उन्होंने यह रिकार्ड साेमवार को ही बनाया था। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण जापान की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है और वह ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। प्रधानमंत्री आबे ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का वादा किया था।
जापान के कानून के अनुसार यदि आबे अपनी भूमिका निभाने में असमर्थ हैं तो एक अस्थायी प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है। उप प्रधानमंत्री तारो आसो इस दौड़ में सबसे आगे हैं। कार्यकारी प्रधानमंत्री आकस्मिक चुनाव का ऐलान नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब तक नए पार्टी नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं होता तब तक वो संधियों और बजट जैसे अन्य मसलों पर लीड ले सकते हैं।
आबे के इस्तीफा देने के बाद अब एलडीपी में मतदान होगा जिसमें यह तय किया जाएगा कि अध्यक्ष के तौर पर उनकी जगह कौन लेगा। इस चुनाव के बाद एक संसदीय मतदान होगा, जिसमें नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा। आबे ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब जापान कोरोना महामारी और चीन के साथ खराब संबंधों का सामना कर रहा है।