ओटावा| कनाडा के वैंकूवर में उत्तर कोरिया संकट पर चर्चा के लिए 20 देशों के राजनयिकों ने बैठक की है। इस दौरान जापान के विदेश मंत्री तारो कानो ने प्योंगयांग पर लगातार दवाब बनाए रखने की वकालत करते हुए कहा कि विश्व को प्योंगयांग की हाल की “पटाने की कोशिश” से भ्रमित नहीं होना चाहिए।यह बैठक मंगलवार को हुई और इसकी मेजबानी अमेरिका और कनाडा द्वारा संयुक्त रूप से की गई। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन, दक्षिण कोरिया की विदेश मंत्री कांग क्यूंग-व्हा और कनाडा के विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड मौजूद थे।चीन और रूस को इस बैठ में आमंत्रित नहीं किया गया था। दोनों देशों पर उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए उन पर दवाब न बनाने का आरोप है।
उत्तर और दक्षिण कोरिया ने हाल ही में अगले महीने होने वाले शीतकाली ओलंपिक खोलों के मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता की थी। दोनों देशों के बीच पिछले दो वर्षो में यह पहली द्विपक्षीय वार्ता थी।
जापान के विदेश मंत्री ने कहा कि हथियार विकासित करने के लिए समय हासिल करने की कोशिश में उत्तर कोरिया ऐसी वार्ता कर रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उत्तर कोरिया द्वारा किए जा रहे मिसाइल और हथियारों के परीक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने उत्तर कोरिया की पटाने की कोशिश’ से भ्रमित न होने की चेतावनी दी।टिलरसन ने कहा कि हमें उत्तर कोरिया पर दवाब बढ़ाने की जरूरत है, ताकि “वह विश्वसनीय वार्ता के लिए सामने आए।कांग क्यूंग-व्हा ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मेहनत अब रंग ला रही है।अपने अंतिम संयुक्त वक्तव्य में 20 देशों ने कहा है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के पार जाकर भी प्योंगयांग पर कठोर प्रतिबंध लगाएंगे।
चीन ने इस बैठक को “अनुचित” करार दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, “कोरियाई प्रायद्वीप के सबसे महत्वपूर्ण देशों ने इस बैठक में भाग नहीं लिया, इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह बैठक वैध या प्रतिनिधिक है।”