जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर जाने के संबंधो में दिए जा रहे बयानों पर पलटवार करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से पूछा कि वह बताएं कि भाजपा ने मंदिर तोडना कहां से सीखा।
पायलट ने शुक्रवार को राजे द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष के मंदिर जाने को लेकर की जा रही बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मंदिर जाना सीखा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े बोल बोल रही हैं कि राहुल गांधी को मंदिर जाना उन्होंने सिखाया है, तो फिर वह बता दें कि उन्हें मंदिर तोडऩा किसने सिखाया है।
उन्होंने कहा कि गांधी उन संस्कारों की परम्परा के धनी हैं जो सम्पूर्ण देश की आस्था व संस्कारों की छवि को अभिव्यक्त करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश जानना चाहती है कि मंदिर के नाम पर सियासत में आई भाजपा की मुख्यमंत्री को पुरामहत्व के ऐतिहासिक कालीन वास्तु निर्मित मंदिरों को तोडऩा किसने सिखाया।
उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश जानता है कि राजनीतिक विपदा आने पर ही मुख्यमंत्री मंदिरों की शरण लेती हैं वरना मंदिरों को निर्ममता के साथ ध्वस्त करने के आदेश देने से भी उन्हें कोई परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर मंदिर के संदर्भ में जो बयान दे रहे हैं उन्हें सबसे पहले बताना चाहिए कि जब राजधानी के मंदिर टूट रहे थे तब भाजपा के लोग कहॉं जाकर छिप गए थे।
उन्होंने कहा कि राजे प्रदेश में हुए उप चुनाव की हार से अभी तक उभर नहीं पाई है इसलिए अनर्गल बयानबाजी कर अपनी बौखलाहट मिटाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जनता की भावनाओं का दोहन कर अपने राजनीतिक हित साधने वाली भाजपा को शोभा नहीं देता कि देश के सांस्कृतिक, लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति बयानबाजी कर अपने विचलन को सार्वजनिक रूप से प्रकट करें।
उन्होंने कहा कि भाजपा के केन्द्र से लेकर हर स्तर के सभी नेता कांग्रेस के बढ़ते जनाधार व गांधी द्वारा देश की जनता से जुड़े मूल मुद्दों के लिए किए जा रहे संघर्ष से परेशान होकर औचित्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं जो कि उनकी ओछी मानसिकता का जीता-जागता उदाहरण है।