सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही उपखंड की सबसे बड़ी और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वूपूर्ण ग्राम पँचायत की बेशकीमती जमीनों को खुर्दबुर्द करने के मामले में सिरोही बीडीओ ने जावाल सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ बरलूट थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
इस रिपोर्ट में सिरोही ब्लॉक विकास अधिकारी रानू इंदिया ने बताया कि जावाल के सरपंच विक्रम राणा ने कोरम के साथ उनके समक्ष उपस्थित होकर बताया कि जावाल के ग्राम विकास अधिकारी नारायण राणा ने उनकी जानकारी के बिना जावाल निवासी श्रीमती मीनाक्षी सुथार पत्नी दिलीप कुमार के नाम पट्टा जारी कर दिया। इस प्रकरण की जांच की जाए।
रिपोर्ट में बीडीओ ने बताया कि सरपँच के अनुरोध पर उन्होंने पट्टा प्रकरण की जांच की। जांच में पाया कि मीनाक्षी देवी को जावाल गोल मार्ग पर पात्रता जाने बिना 8 जुलाई 2020 को 1200 वर्गफीट भूमि का पट्टा जारी कर दिया। उन्होंने बताया कि ये भूमि मुख्य मार्ग की व्यवसायिक भूमि है। इसे नीलाम किया जाना चाहिए था।
रिपोर्ट में बताया गया कि जांच में ये भी सामने आया कि जावाल ग्राम पंचायत ने घांची समाज धर्मशाला के सामने के 2100 वर्गफीट के भूखंड का पट्टा 2 अक्टूबर 1972 को हीरा पुत्र मोती राम मेघवाल को जारी किया था।
इसी भूमि का 2687 वर्गफीट का पट्टा विक्रम राणा और नारायण राणा ने 8 जुलाई 2020 को फिर से जारी किया गया। इसमें रास्ते की भूमि भी शामिल है। जबकि न तो रास्ते की भूमि का पट्टा जारी किया जा सकता है और न ही पहले से ही बेची हुई भूमि का फिर से पट्टा जारी किया जा सकता है।
जांच में आये तथ्यों को एफआईआर में शामिल करते हुए बीडीओ ने बताया कि सरपँच और ग्राम विकास अधिकारी ने अपने कार्यकाल में 78 पट्टे जारी किये। इसमें से 12 पट्टे गोचर में जारी किए हैं। जबकि गोचर के पट्टे जारी नहीं किये जा सकते।
बीडीओ की रिपोर्ट पर जावाल सरपँच विक्रम राणा और ग्राम विकास अधिकारी नारायण राणा के खिलाफ बेशकीमती भूमि खुर्द-बुर्द करके सरकार को राजस्व हानि कारित करके व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने और प्रतिबंधित श्रेणी की भूमि को बेच देने का मामला दर्ज कर लिया गया है।