लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को एक बार फिर राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया है, पार्टी सूत्रों के अनुसार जया बच्चन को उम्मीदवार बनाया गया है। सपा के किरनमय नंदा के साथ सपा के दर्शन सिंह यादव, नरेश अग्रवाल और आलोक तिवारी का कार्यकाल भी दो अप्रेल को समाप्त हो रहा है।
विधानसभा में सपा के 47 विधायक हैं। पार्टी अपने बल पर केवल एक ही उम्मीदवार जिता सकती है। उम्मीदवार की जीत के लिये 37 विधायकों का मत जरुरी है। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि पार्टी नरेश अग्रवाल को उम्मीदवार बनाएगी।
इस बीच, सूत्रों ने दावा किया कि हाल ही में जया बच्चन के पति और जाने माने सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अखिलेश यादव से दो बार मुलाकात की थी। दो अप्रेल को मुनकाद अली, चौधरी मुनव्वर सलीम, विनय कटियार और प्रमोद तिवारी का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
जया की उम्मीदवारी पर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पूर्व में बच्चन परिवार के करीबी रहे अमर सिंह ने कहा कि जया बच्चन समाजवादी पार्टी के लिए हमेशा से ही वफादार रही हैं। वह नरेश अग्रवाल से बेहतर उम्मीदवार साबित होंगी।
नरेश अग्रवाल, रामगोपाल यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं और उनका विवादों से अक्सर नाता रहा है। पिछले साल पाकिस्तान में क़ैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर दिए उनके बयान पर काफी विवाद हो गया था। भगवान राम पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर भी संसद में खूब हंगामा हुआ था।
जया बच्चन समाजवादी पार्टी से लगातार दो बार राज्यसभा में सांसद चुनी जा चुकी हैं। 2005 में उस वक्त सदस्यता छोड़नी पड़ी थी, जब उन पर लाभ के पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। 2012 में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर अपने टिकट पर जया बच्चन को राज्यसभा भेजा था।
इससे पहले बंगाल के राजनीतिक गलियारों में राज्यसभा सांसद जया बच्चन को लेकर चर्चाएं शुरू हईं थी। कहा जा रहा था कि जया बच्चन तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जया बच्चन को राज्यसभा की उम्मीदवार बना सकती हैं।
गौरतलब हैै कि पांच मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नामांकन 12 मार्च तक हो सकेंगे। अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी। 15 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। आवश्यकता हुई तो 23 मार्च को मतदान कराया जाएगा।