नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जनता दल (यू) की भागीदारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आज यहां बैठक हुई।
शाह के आवास पर मंत्रिमंडल में जद (यू) की हिस्सेदारी को लेकर दोनों नेताओं ने चर्चा की। बिहार से जद (यू) के 16 सांसद चुने गए हैं। कुमार पटना से यहां पहुंचने के बाद फौरन शाह से मिलने गए। वह कल मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार कुमार अपनी पार्टी से कम से कम दो कैबिनेट मंत्री और बड़ा मंत्रालय चाहते हैं। जद (यू) के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं और कुमार के विश्वसनीय माने जाते हैं।
पार्टी के मुंगेर से लोकसभा सदस्य चुने गए ललन सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वह नीतीश सरकार में मंत्री रहे हैं और कुमार के निकट माने जाते हैं। जद (यू) की बिहार इकाई के प्रमुख और राज्यसभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह काफी वरिष्ठ नेता हैं लेकिन उनके अस्वस्थ होने के कारण उनके मंत्री मंत्री बनाने की संभावना कम है।
पिछली मोदी सरकार में लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसद थे और इस पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान को खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्री बनाया गया था। लोजपा संसदीय बोर्ड ने राम विलास पासवान को ही फिर से मंत्री बनाने का प्रस्ताव पारित किया है।
सूत्रों के अनुसार जद (यू) कैबिनेट के साथ ही राज्य मंत्री बनाने को लेकर भी प्रयास कर रही है ताकि बिहार के सामाजिक समीकरण में संतुलन स्थापित किया जा सके। पार्टी बिहार के बाहर भी संगठन का विस्तार करना चाहती है जो मंत्री पद मिलने से आसान हो सकता है।
शाह ने कल ही मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक की थी। समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने मंत्रिमंडल के स्वरुप को लेकर चर्चा की। पिछली मोदी सरकार में बिहार से एक समय नौ मंत्री थे जिनमें तीन कैबिनेट मंत्री थे। उस समय जद (यू) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं था और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा को राज्य मंत्री बनाया गया था लेकिन अब वह गठबंधन के बाहर हैं।