जेईई मेन 2019 की परीक्षा पहली बार एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा आयोजित की गई। 8 जनवरी से 12 जनवरी तक हुई इस परीक्षा का प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी, दोनों ही 14 जनवरी को अधिकारिक वेबसाइट jeemain.nic.in पर जारी कर दी गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल जेईई मेन की कटऑफ पिछले साल के मुकाबले थोड़ा ज़्यादा रहने वाला है। विशेषज्ञों की माने तो इस साल कटऑफ 80 से 85 के बीच रहेगी।
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ग्रेडअप के प्रमुख और वाईस प्रेसिडेंट नवीन सी जोशी का भी ने भी मानना है कि इस साल कट ऑफ 80- 85 रहने की उम्मीद है। वहीं, FIITJEE और Brilliant Tutorials के पूर्व फैक्ल्टी मेंबर रह चुके आशीष शर्मा ने भी उम्मीद जताई है कि 2019 में जेईई मेन की इस साल कट ऑफ पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहेगी। आशीष का कहना है कि कट ऑफ 80 के आसपास रह सकती है।
अगर वहीं बात करे कोचिंग इंस्टीट्यूट की तो FIITJEE ने 100-110 और career launcher ने कटऑफ 85+ होने का अनुमान जताया है। कट ऑफ के अनुमान के बाद से ही कैंडिडेट की टेंशन बढ़ गई है।
जाधवपुर यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक प्रोफेसर का कहना है कि साधारण श्रेणी वाले उम्मीदवारों के लिए कटऑफ 85 से 90 रह सकती है, जबकि ओबीसी के लिए 45 से 70 और एससी, एसटी और पीडब्लूडी कैंडिडेट के लिए 40-70 कटऑफ का अनुमान है।
उन्होंने ने इस साल के जनवरी सेशन के पेपर के कठिनाई स्तर पर टिपण्णी देते हुए कहा हुए कहा कि इस साल का पेपर ठीकठाक था। गणित के सवाल लगभग हर सेशन में मुश्किल थे जबकि भौतिकी और रसायन विज्ञानं का पेपर गणित के तुलना में आसान था।
19 मई को जेईई एडवांस परीक्षा, जानिए कैसे बनेगी मैरिट
इसके साथ ही जेईई एडवांस परीक्षा की तारीख का भी ऐलान हो गया है। 19 मई, 2019 को जेईई एडंवास परीक्षा होगी। इस बार आईआईटी रूड़की परीक्षा का आयोजन करवाएगा। इसके लिए जेईई एडवांस्ड की आधिकारिक साइट www.jeeadv.ac.in पर परीक्षा का शेड्यूल जारी किया गया है।
पहला पेपर सुबह नौ बजे से 12 बजे के बीच होगा। जबकि दूसरा पेपर 2 बजे से 5 बजे तक होगा। जेईई मेन के जनवरी और अप्रैल सत्र के प्रदर्शन अनुसार सारे उम्मीदवारों की एक सामान्य सूची बनाई जाएगी जो जेईई एडवांस्ड की परीक्षा में शामिल होंगे।
एडवांस परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया जेईई मेंस का रिजल्ट आने के बाद शुरू होगी। एडवांस परीक्षा में वही छात्र बैठेंगे जो जेईई मेंस की परीक्षा क्लीयर करेंगे। पिछले साल से ये परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड होती है। देशभर के आईआईटी कॉलेजों में एडमिशन के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
जेईई मेन और एडवांस पेपर पास करने वाले छात्रों को IIT, NITs और IIITs के BTech, BE और BArch कोर्स में दाखिला मिलेगा। इसके लिए छात्रों को कड़ी मेहनत करनी होगी। क्योंकि परीक्षा कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।
परसेंटेज और पर्सेंटाइल में क्या अंतर है?
अब हम आपको बताते हैं मैरिट कैसे बनती है। परसेंटेज और पर्सेंटाइल में क्या अंतर है। सबसे पहले जानते हैं परसेंटेज क्या होता है, और इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है। परसेंटेज का मतलब होता है की आपको 100 में से आपको कितने प्रतिशत अंक मिले। परसेंटेज और पर्सेंटाइल में काफी अंतर होता है। और पर्सेंटाइल के हिसाब से ही मैरिट बनती है। तो चलिए आपको बताते हैं पर्सेंटाइल क्या है।
पर्सेंटाइल का मतलब होता है कितने छात्र आपसे नीचे है। यानि सीधी भाषा में कहें तो, आपको कितने छात्रों से ज्यादा नंबर मिले। जैसे आपका पर्सेंटाइल 80 फीसदी है तो इसका मतलब हुआ कि आपने 80 फीसदी उम्मीदवारों से ज्यादा अंक हासिल किए हैं।
ऐसे निकाला जाता है पर्सेंटाइल:-
फार्मूला – 100 x किसी ग्रुप में सबसे ज्यादा मार्क्स लाने वाले छात्रों से कम अंक लाने वाले छात्रों की कुल संख्या / ग्रुप के कुल कैंडिडेट्स की संख्या।
उदारहण – मान लिया जाए 1000 छात्रों ने कोई परीक्षा दी। और X ने परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक हासिल किए और 800 छात्रों का स्कोर उससे कम है। तो उसका पर्सेंटाइल स्कोर इस तरह निकालेंगे।
= 100 x 800 / 1000 = 80
उदारहण – अगर किसी उम्मीदवार ने बोर्ड परीक्षा में 95 मार्क्स हासिल किये और 2020 उम्मीदवारों का स्कोर आपसे कम है, और कुल छात्रों की संख्या 2500 थी।
यानि 100 x 2020 / 2500 = 80.8
कैसे बनेगी जेईई मेन 2019 रैंक लिस्ट?
जेईई मेंस में छात्रों की रैंकिंग के लिए NTA स्कोर का सहारा लिया जाएगा। स्कोर सभी चरणों में पर्सेंटाइल स्कोर को जोड़कर निकाला जाएगा। पहले सभी सेशन का अलग-अलग पर्सेंटाइल निकाला जाएगा। फिर उन पर्सेंटाइल स्कोर को एक साथ मिलाकर ओवरऑल मेरिट और रैंकिंग तैयार की जाएंगी। यह रैंकिंग आपके जेईई परिणाम में दिखाई देगी और इसी के आधार पे आपका सीट आवंटन के समय चयन होगा।
JoSAA (संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण) सभी IIT, NITs और IIITs में दाखिले के लिए सीट आवंटन और काउंसलिंग प्रक्रिया का आयोजन करेगी। काउंसलिंग प्रक्रिया में कुल 7-8 राउंड होने की सम्भावना है। 2018 में 1.55 लाख छात्रों ने जेईई एडवांस की परीक्षा दी थी, जिसमें 18,138 उम्मीदवारों ने पास हुए थे।