चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी पंजाब में इस्तीफों का सिलसिला जारी है और जैतोपुर विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने भी आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में विधायक ने लिखा है कि अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से प्रेरित होकर वह आप में शामिल हुए थे पर पार्टी ने अपनी बुनियादी विचारधारा और सिद्धांत पूरी तरह त्याग दिए हैं।
उन्होंने लिखा है हालांकि हेड टीचर के रूप में उनकी सेवा के चार साल बाकी थे पर वह सरकारी नौकरी छोड़कर पंजाब और देश की सामाजिक-राजनीतिक हालात सुधारने के लिए पार्टी से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि उनका परिवार इस निर्णय के खिलाफ था पर उन्होंने जोखिम उठाया क्योंकि वह पार्टी के देश को एक विकल्प देने के सपने में विश्वास करते थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब में कइयों का यह विश्वास था तथा प्रदेश की जनता ने 2014 के आम चुनाव में चार सांसद दिए। पर पार्टी आलाकमान ने पंजाब में पार्टी कार्यकर्ताओं की क्षमताओं में विश्वास करने या उन्हें पुरस्कृत करने के बजाय उनकी आवाज कुचलने के लिए बाहरी सेना भेजी जिसने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए हर हथकंडा अपनाया। पैसों के लेनदेन से लेकर, भाई-भतीजावाद, महिलाओं के शोषण के आरोप लगे, कार्यकर्ताओं ने शिकायतें कीं पर पार्टी आलाकमान ने आंखें मूंदे रखीं।
इसी वजह से पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में हार गई। उस हार से भी सबक लेने और हार के कारण समझने के बजाय फिर उन्हीं नेताओं को पार्टी की कमान सौंपी।
मास्टर बलदेव ने सुखपाल सिंह खेहरा को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब के पार्टी विधायकों को विश्वास में नहीं लिया गया और कुछ विधायकों पर दबाव डालकर निर्णय करवाया गया। फिर दलित कार्ड खेलते हुए श्री खेहरा को हटाया गया और हरपाल चीमा को नेता प्रतिपक्ष बनाया।
विधायक के अनुसार पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से मानहानि मामले में माफी मांगने ने भी राजनीति में उनके (केजरीवाल के) दोहरे मापदंडों को बेनकाब किया। पंजाब के कई मुद्दों पर रुख के अलावा इधर आप की कांग्रेस से तालमेल की कोशिशों को लेकर भी विधायक ने निंदा की। पार्टी के कई बड़े नेताओं को निकाले जाने या उनके खुद पार्टी छोड़ देने को लेकर भी मास्टर बलदेव ने नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने आप को अन्य ‘भ्रष्ट‘ राजनीतिक दलों की कतार में रखते हुए इस्तीफे की घोषणा की है।