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पहले रिश्तों ने ठुकराया, फिर उसने रिश्तों को ठुकराया, फंदे से झूला - Sabguru News
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पहले रिश्तों ने ठुकराया, फिर उसने रिश्तों को ठुकराया, फंदे से झूला

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पहले रिश्तों ने ठुकराया, फिर उसने रिश्तों को ठुकराया, फंदे से झूला

झांसी। उत्तर प्रदेश में झांसी जिले के टहरौली थानाक्षेत्र में एक व्यक्ति ने क्षय रोग से पीडित गर्भवती पत्नी की मौत के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि टहरौली थानाक्षेत्र के पिपरा गांव निवासी भगवत (35) और उसकी गर्भवती पत्नी शिवानी (28) के शव उसके खेत पर बने कुंए के पास शुक्रवार को पाए गए ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मौके पर घटना की जांच की गई।

मृतक भगवत की पत्नी शिवानी की मृत्यु टीबी के कारण हो गई थी जिसके बाद मृतक भगवत ने अपने खेत पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है। मृतक ने आत्महत्या के पहले अपना सुसाइड नोट भी छोड़ा है। दोनों शवों को कब्जे मे लेकर पंचनामा भरके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

शिवानी की दवा के पर्चे के पीछे ही भगवत ने टूटी फूटी भाषा में सुसाइड नोट भी लिखा था जिसमें उसने अपनों द्वारा बनाई दूरी की तकलीफ बयां की थी। सुसाइड नोट में लिखा गया कि हमारी जगह (जमीन) परिवार में नहीं जाएगी तो बुआ के पास जाएंगी।

अपनी पत्नी शिवानी के लिए लिखा कि इसके न बाप हैं और न ही मां हैं। दिल्ली से शादी करके लाया था। टीबी की मरीज थी। उसके बाद उसने केवल एक ही वाक्य लिखा- न हमारा कोई, न हम किसी के।

भगवत के चाचा रामस्वरूप रायकवार ने बताया कि मृतक उसका भतीजा भगवत था। उसके भतीजे ने अपनी पत्नी की मौत हो जाने के कारण आत्महत्या करके अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। भगवत दिल्ली में मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता था। वहीं मजदूरी कर रही शिवानी से कुछ ही महीने पहले उसने प्रेम विवाह कर लिया था।

शिवानी के माता पिता की मृत्यु हो चुकी थी जबकि उसके भतीजे भगवत के पिता की मृत्यु उसके बचपन में ही हो गयी थी और उसकी मां उसको छोड़ कर अलग रहने लगी थी। भगवत का बड़ा भाई गब्बर भी मजदूरी करके अपना भरण पोषण करता है। यह भी बताया गया कि शिवानी 2-3 माह की गर्भवती भी थी।

ग्रामीणों के अनुसार लाॅकडाउन में फंसकर भगवत दिल्ली में बुरी तरह से परेशान हो गया था। किसी तरह उसने वहां से निकलने का मन बनाया लेकिन झांसी पहुंचते पहुंचते शिवानी की हालत बिगड़ने लगी। झांसी में पहुंचकर किसी हाॅस्पिटल में भगवत ने शिवानी को भर्ती कराया था वहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।

जब वह अपने गांव शिवानी का शव लेकर पहुंचा था तो वहां किसी ने भी उसकी मदद नहीं की यहां तक कि उसके परिजन भी उसकी पत्नी के अन्तिम संस्कार में जाने को तैयार नहीं थे। इसके चलते भगवत अपने खेत पर पत्नी शव किसी प्राइवेट एंबुलेंस से ही लेकर चला गया था।

फसलें कट जाने के चलते खेतों पर लोगों की आवाजाही भी कम थी। जब किसी राहगीर ने वहां दोनों के शवों को देखा तो मामले की सूचना ग्रामीणों की दी। इसके बाद पुलिस को मामले से अवगत कराया गया था।

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