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झारखंड में ‘भाजपा दुबारा’ को जनता ने नकारा, महागठबंधन को सौंपी सत्ता - Sabguru News
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झारखंड में ‘भाजपा दुबारा’ को जनता ने नकारा, महागठबंधन को सौंपी सत्ता

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झारखंड में ‘भाजपा दुबारा’ को जनता ने नकारा, महागठबंधन को सौंपी सत्ता

रांची। राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, फौरी तीन तलाक कानून, नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसी उपलब्धियों के रथ पर सवार होकर झारखंड को दुबारा फतह करने निकली भाजपा को इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता ने नकार दिया।

जनता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले महागठबंधन (कांग्रेस और राजद) को 47 सीटों पर जीत की सौगात देकर सरकार बनाने के लिए पुकारा है।

‘झारखंड पुकारा, भाजपा दुबारा’ के नारे के साथ मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में राज्य की 81 में से 79 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर झारखंड में दुबारा सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा को महज 25 सीट देकर जनता ने अर्श से फर्श पर उतार दिया है। वहीं, झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक सीट पर जिताकर महागठबंधन को सरकार बनाने के जरूरी जादुई आंकड़े 41 के पार पहुंचा दिया है।

विधानसभा की 81 सीटों के घोषित परिणाम में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) तीन, भाजपा की पूर्व सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एक, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) एक और निर्दलीय ने दो सीटें जीत ली हैं।

मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके मंत्रिमंडल के दो सहयोगी के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। दास को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में उनके ही मंत्रिमंडल में सहयोगी रहे भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय ने करीब 15 हजार के मतों के अंतर से पराजित किया है।

दुमका से समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी और मधुपुर से श्रम मंत्री राज पालिवार चुनाव हार गये हैं। वहीं, रांची से शहरी विकास मंत्री सी. पी. सिंह, खूंटी से ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, सारठ से कृषि मंत्री रणधीर सिंह, चंदनकियारी से पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी, कोडरमा से मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. नीरा यादव और बिश्रामपुर में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी चुनाव जीत गए हैं।

जीत का परचम लहराने वाले झामुमो प्रत्याशियों में बहरागोड़ा से समीर कुमार मोहंती, दुमका और बरहैट से हेमंत सोरेन, बिष्णुपुर से चामरा लिंडा, बोरियो से लोबिन हेम्ब्रम, चाईबासा से दीपक बिरुआ, चक्रधरपुर से सुखराम उरांव, डुमरी से जगरनाथ महतो, गांडेय से डॉ. सरफराज अहमद, गढ़वा से मिथिलेश कुमार ठाकुर, घाटशिला से रामदास सोरेन, गिरिडीह से सुदिव्य कुमार, गुमला से भूषण तिर्की, ईचागढ़ से सबिता महतो, जामा से सीता सोरेन, जुगसलाई से मंगल कालिंदी, खरसावां से दशरथ गगरई, लातेहार से बैद्यनाथ राम, लिट्टीपाड़ा से दिनेश विलियम मरांडी, मधुपुर से हाजी हुसैन अंसारी, महेशपुर से स्टीफन मरांडी, मंझगांव से निरल पूर्ति, मनोहरपुर से जोबा मांझी, नाला से रबींद्रनाथ महतो, पोटका से संजीव सरदार, सरायकेला से चंपई सोरेन, शिकारीपाड़ा से नलिन सोरेन, सिसई से जीगा सुसरन होरो, तमाड़ से विकास कुमार मुंडा और टुंडी से मथुरा प्रसाद महतो शामिल हैं।

इसी तरह कांग्रेस के जीतने वाले प्रत्याशियों में बरही से उमाशंकर अकेला, बड़कागांव से अंबा प्रसाद, बेरमो से राजेंद्र प्रसाद सिंह, जगन्नाथपुर से सोनाराम सिंकू, जमशेदपुर पश्चिम से बन्ना गुप्ता, जामताड़ा से इरफान अंसारी, जरमुंडी से बादल, झरिया से पूर्णिमा नीरज सिंह, खिजरी से राजेश कच्छप, कोलेबिरा से नमन बिक्सल कोनगड़ी, लोहरदगा से रामेश्वर उरांव, महगामा से दीपिका पांडेय सिंह, मणिका से रामचंद्र सिंह, पाकुड़ से आलमगीर आलम, रामगढ़ से ममता देवी, सिमडेगा से भूषण बारा शामिल हैं। राजद के सत्यानंद भोक्ता ने चतरा सीट जीत ली है।

भाजपा के लिए जीत का परचम लहराने वाले प्रत्याशियों में बाघमारा से ढुल्लू महतो, भवनाथपुर भानूप्रताप शाही, बिश्रामपुर में रामचंद्र चंद्रवंशी, बोकारो से बिरंची नारायण, चंदनकियारी से अमर कुमार बाउरी, छत्तरपुर से पुष्पा देवी, डालटनगंज आलोक कुमार चौरसिया, देवघर से नारायण दास, धनबाद राज सिन्हा, गोड्डा से अमित कुमार मंडल, हटिया से नवीन जायसवाल, हजारीबाग से मनीष जायसवाल, जमुआ से केदार हाजरा, कांके से सम्मारी लाल, खूंटी से नीलकंठ सिंह मुंडा, कोडरमा से डॉ. नीरा यादव, मांडू से जयप्रकाश भाई पटेल, निरसा से अपर्णा सेनगुप्ता, पांकी से कुशवाहा शशिभूषण मेहता, राजमहल से अनंत कुमार ओझा, रांची से चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, सारठ से रणधीर कुमार सिंह, सिमरिया से किशुन कुमार दास, सिंदरी से इंद्रजीत महतो, तोड़पा से कोचे मुंडा शामिल हैं।

इनके अलावा झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) की टिकट से पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी धनवार से, बंधु तिर्की मांडर से और प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट से, आजसू के लंबोदर महतो गोमिया से एवं सुदेश महतो सिल्ली से, भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह बगोदर से, राकांपा के कमलेश कुमार सिंह हुसैनाबाद से तथा बरकट्ठा से निर्दलीय अमित कुमार यादव और जमशेदपुर पूर्वी से सरयू ने जीत दर्ज की है।

चुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राजभवन जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का पत्र सौंप दिया। राजभवन से लौटने के बाद दास ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को जीत और नई सरकार बनाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि झारखंड में विकास की जो गाड़ी चल पड़ी है उसकी गति कम नहीं होगी। इस कार्य में नई सरकार को उनकी पार्टी हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अलग झारखंड राज्य के गठन को लेकर जो अपेक्षाएं थी उसे नई सरकार पूरा करेगी।

उधर, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने देर शाम महागठबंधन के अन्य घटक (कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल) के नेताओं के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्पष्ट जनादेश के लिए मैं झारखंड की जनता का आभार प्रकट करता हूं। राज्‍य को बेहतर दिशा देने के लिए जिस दल को हमारे साथ आना है, उनका स्‍वागत है। अब राज्‍य में किसी की उम्‍मीद नहीं टूटेगी। हमारी सरकार सबका बराबर ख्‍याल रखेगी। सबके साथ मिल-बैठकर आगे की रणनीति तय करूंगा। उन्होंने कहा कि वह पांच साल तक पूरी मजबूती से सरकार चलाएंगे।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि झारखंड की जनता ने महागठबंधन को बड़ी जिम्‍मेवारी दी है। उनका हृदय से धन्‍यवाद है। सरकार बनने की प्रक्रिया में आगे सभी घटक दलों के साथ मिलकर कैबिनेट का स्‍वरूप तय किया जाएगा। वहीं, राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा कि जनता ने हेमंत सोरेन के नेतृत्‍व को स्‍वीकार किया। यह हमारी बड़ी जीत है।

गौरतलब है कि झारखंड में वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37 और आजसू को पांच सीटें मिली थीं। बाद में झाविमो के छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए। अभी भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस ने छह और झामुमो ने 19 सीटें जीती थीं। बाबूलाल मरांडी की झाविमो ने आठ सीटें जीती थी लेकिन छह विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद झाविमो के पास दो ही विधायक शेष थे।